प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान करते वक्त जो मकसद बताए थे, वे रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में खारिज होते दिखते हैं। अगर सरकार हकीकत को स्वीकार किए बगैर अपने तर्क देती रही तो अच्छे दिन की ओर बढ़ना आसान नहीं होगा।
हरियाणा सरकार द्वारा प्रकाशित पत्रिका हरियाणा संवाद के एक सप्लीमेंट कृषि संवाद में एक घूंघट काढ़े एक स्त्री का फोटो छपा है। इस फोटो के नीचे कैप्शन है, ‘घूंघट की आन-बान, म्हारा हरियाणा की पहचान।’ इस मसले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्ष का कहना है कि इससे भारतीय जनता पार्टी की पिछड़ी सोच का पता चलता है।
अमेरिका यात्रा से ठीक पहले अंतरराष्ट्रीय पत्रिका दी इकॉनोमिस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा है, “भारतीय प्रधानमंत्री जितने बड़े सुधारवादी दिखते हैं उतने हैं नहीं।”
नगर निकायों के लिए एक उप-लोकायुक्त नियुक्त करने के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रस्ताव पर तंज कसते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि पारदर्शिता के लिए ऐसे अधिकारी की नियुक्ति मुख्यमंत्री के आवास पर भी की जानी चाहिए।
पीएम मोदी के कालेधन के खिलाफ नोटबंदी के फैसले पर अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी के प्रतिष्ठित दैनिक 'द हिंदू' में बड़ी ही बेबाकी से विचार रखे हैं। मनमोहन सिंह ने अपने संपादकीय लेख में कहा, ऐसा कहा जाता है, 'पैसा एक विचार है जो आत्मविश्वास को प्रेरित करता है।' लेकिन 8 नवंबर को एक झटके ने करीब 125 करोड़ लोगों के विश्वास को बर्बाद कर रख दिया है। इस फैसले के चलते एक रात में ही 500 और 1000 रुपये के रूप में मौजूद देश की 85 फीसदी मुद्रा बेकार हो गई।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2016 का 'टाइम्स पर्सन ऑफ द इयर' चुना है। इस खिताब के लिए उनका मुकाबला पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई राष्ट्रध्यक्षों और राजनेताओं और कलाकारों के साथ था। पाठकों ने 'टाइम्स पर्सन ऑफ द इयर' के लिए हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी को चुना था। पीएम मोदी पाठकों की नजर में 18 फीसदी वोट के साथ पहले नंबर पर थे। वहीं ट्रंप और विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को 7 फीसदी वोट मिले थे।