भारत की आजादी का विभाजन त्रासदी का महाकाव्य है। इस पर अनगिनत फिल्में बनाई जा सकती हैं। इस फिल्म के इतने आयाम हैं कि विश्व का हर फिल्मकार भी उस त्रासदी पर फिल्म बनाए तो भी कहानी पूरी न हो।
गरीबी में आटा गीला होने जैसी कहावतों को तो अक्सर चरितार्थ होते हुए देखा है, लेकिन जो गरीब व्यक्ति भोजन जुटाने में असमर्थ हो और उसके पास गीला होने के लिए आटा भी न हो तो वह अपना पेट भरने के लिए किसका सहारा लेगा। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाले महमूद बट ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने अपना पेट भरने के लिए पत्तियों और टहनियों का सहारा लिया है।
विवादास्पद मांस निर्यातक मोईन कुरैशी भारत लौट आए हैं और संभवत: वह प्रवर्तन निदेशालय :ईडी: के समक्ष पेश होंगे। धनशोधन मामले में कुरैशी की भूमिका की जांच प्रवर्तन निदेशालय की कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने से राष्ट्रीय पार्टियों को लाभ होगा लेकिन छोटे क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका गौण होगी जो एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।