Advertisement

Search Result : "Milan Kundera"

स्मृति: होने का हल्कापन

स्मृति: होने का हल्कापन

“हमारा समय झूठ के विस्तार और आधिपत्य का है। मिलान कुन्देरा ने हमें चेताया है कि झूठ के साम्राज्य से,...
दिल्ली के युवक ने किया वोट और वीवीपैट पर्ची में मिलान नहीं होने का दावा, जांच के आदेश

दिल्ली के युवक ने किया वोट और वीवीपैट पर्ची में मिलान नहीं होने का दावा, जांच के आदेश

चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव कार्यालय को उस युवक के आरोपों की जांच करने के आदेश दिए जिसने दावा...
किसी मुद्दे पर चर्चा बंद नहीं होनी चाहिए: मोदी

किसी मुद्दे पर चर्चा बंद नहीं होनी चाहिए: मोदी

भारतीय जनता पार्टी द्वारा दिल्ली में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे मुद्दा कोई भी हो उसपर चर्चा बंद नहीं होनी चाहिए।
नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नहीं चाहिए ऐसे पैसे जो संगीत का अपमान कर कमाए गए हों- मिलन सिंह

नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-
गर्म मौसम में फिटनेस

गर्म मौसम में फिटनेस

गर्मियों के मौसम में फिटनेस का जितना बुखार चढ़ता है उतना किसी और मौसम में नहीं चढ़ता। सर्दियों में गुनगुनी रजाई से बाहर निकलने का मन नहीं करता, बारिश में भीगते हुए कौन दौड़ने जाएगा का प्रश्न उठ खड़ा होता है। ऐसे में यही एक मौसम बचता है जिसमें सभी को लगता है कि जितना व्यायाम करना है इसी मौसम कर लें और पूरे साल के लिए फिट हो जाएं। फिटनेस का ऐसा जुनून आप पर भी है तो जरा गौर फरमाएं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement