जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कई तीखे सवाल पूछे। न्यायलय ने पुलिस को तमाम राजनीतिक अवराधों से निकलकर नजीब की तलाश करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसके लापता होने में कुछ और हो सकता है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के बीच से कोई इस तरह ओझल नहीं हो सकता।
यातायात में सुगमता तथा नकदी संकट को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2 दिसंबर मध्यरात्रि तक टोल फ्री कर दिया है। सरकार ने इसके साथ ही यह भी घोषणा की है कि टोल प्लाजा पर 2 दिसंबर की मध्यरात्रि से 15 दिसंबर तक पुराने 500 के नोट स्वीकार किए जाएंगे।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को आउटलुक हिंदी पत्रिका की तरफ से लाल गलियारे में विकास विषय पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाग ले रहे अतिथियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों के लोगों को शिक्षा और विकास देकर ही इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
साहित्य अकादेमी की ‘राष्ट्रीय भावात्मक एकता: भारतीय भाषा और साहित्य के संदर्भ में’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन पर कपिल कपूर ने कहा, भारत का एकत्व ज्ञान की परंपरा के कारण ही है।
न्यूजीलैंड में रविवार को भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.4 मापी गई। भूकंप के बाद दक्षिणी तटीय क्षेत्रों के लिए एक सुनामी चेतावनी जारी की गई है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि जिस जगह दिन दहाड़े अपराध होते हों और कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई हो, वहां कोई निवेश करने नहीं आएगा।
मशहूर शायर और पूर्व सांसद जावेद अख्तर ने कहा है कि तीन तलाक की प्रथा तुरंत बंद होनी चाहिए और समान नागरिक संहिता के बारे में सरकार को ड्राफ्ट तैयार कर उसे लोगों के सामने लाकर बहस करानी चाहिए।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने वायु प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए आज कई निर्देश पारित किए जिनमें केंद्रीय और राज्य स्तर पर निगरानी समितियों का गठन करना भी शामिल है। न्यायाधिकरण ने उत्तर भारत के चार राज्यों से कहा कि पुराने डीजल वाहनों को प्रतिबंधित करने पर विचार करें ताकि पर्यावरणीय आपातकाल से निपटा जा सके।
उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।