मनमोहन सिंह ने आधुनिक अर्थव्यवस्था के नाम पर अपने कदमों से कांग्रेस की जमीन को रेगिस्तान में बदला। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने उसी जमीन पर अच्छी फसल के लिए हवा-पानी का इंतजाम नए वित्तीय वर्ष के बजट से कर दिया।
रेल बजट में बड़े पैमाने पर नई क्षमता के सृजन पर जोर दिये जाने और इसके लिए आवंटन बढा कर लगभग 1.25 लाख करोड़ रपये किये जाने की संभावना है। इनमें से बड़ा हिस्सा रेल बजट के इतर स्रोतों से जुटाए जाएंगे। रेल बजट 2015-16 गुरुवार 25 फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में बजट सत्र की घोषणा कर दी गई है। बजट के विस्तृत कार्यक्रमों के मुताबिक संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा। रेल बजट 25 फरवरी को, आर्थिक सर्वेक्षण 26 फरवरी और आम बजट 29 फरवरी को पेश होगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि सरकारी विभागों में श्रमबल के अभाव के कारण सरकार के पास तकरीबन 2.46 लाख पेटेंट आवेदन जबकि 5.32 लाख व्यापार चिह्न पंजीकरण लंबित पड़े हैं।
आत्मकथाएं वैसे भी अलग से रेखांकित की जाती हैं। ऐसे में यदि कोई आत्मकथा स्त्री द्वारा लिखी गई हो, इसके प्रति उत्सुकता बढ़ना स्वाभाविक है। और यदि यह आत्मकथा अध्यापक, आलोचक निर्मला जैन की हो तो जिज्ञासा कहां तक पहुंचेगी यह नापने का कोई पैमाना नहीं है।
5 अक्टूबर 1955 को जन्म। छह कहानी संग्रह, 3 उपन्यास और एक कविता संग्रह। पहली कहानी सन 1978 में सारिका में प्रकाशित। दूरदर्शन और आाकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों द्वारा कहानियों पर टेलीफिल्म और रेडियो नाटकों का निर्माण। कई कहानियों का भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में कहानियां अनूदित।
संसद में सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रही कांग्रेस को दबाव में लाने के लिए भाजपा ने भी चौतरफा प्रयास शुरू कर दिया है। इसी प्रयास के तहत भाजपा अब कांग्रेस के राज्य क्षत्रपों की घेराबंदी करने में जुट गई है। ताजा कड़ी में घेरे में आ गए हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत जिनके निजी सचिव शराब के ठेके का लाइसेंस बांटते एक स्टिंग में कैद हो गए हैं। मंगलवार को इस स्टिंग की सीडी को केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया के सामने पेश किया और आरोप लगाया कि खुद रावत इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सीडी के सामने आने के बाद निजी सचिव को पद से हटा दिया गया।
नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा के बाद मिशनरीज आफ चैरिटी का काम-काज संभालने वाली सिस्टर निर्मला जोशी का पूरा जीवन गरीबों और समाज के पिछड़े तबके के लोगों के उत्थान के प्रति ही समर्पित रहा। प्रचार और सुर्खियों से कोसों दूर रहने वाली सिस्टर निर्मला में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सच के साथ खड़े रहने का साहस था। उन्होंने कभी किसी गलत आरोप या अफवाह के सामने सिर नहीं झुकाया। बातचीत में तो इतनी विनम्र कि एकबार उनसे मुलाकात करने वाला उनका मुरीद बन जाता था।