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Search Result : "Outlook Agriculture Conclave"

अकादमिक दुनिया पर भी कट्टरपन के वायरस का खतरा

अकादमिक दुनिया पर भी कट्टरपन के वायरस का खतरा

असहमति और अभिव्यक्ति पर हो रहे हमलों के दौर में अकादमिक जगत पर मंडरा रहे खतरों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अंतररार्ष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने की खुलकर बात
आईएमएफ ने चीन संकट पर चिंता जताई, भारत को सलाह दी

आईएमएफ ने चीन संकट पर चिंता जताई, भारत को सलाह दी

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अपने वार्षिक आर्थिक आउटलुक अपडेट में चीन और भारत की अर्थव्यवस्‍थाओं की समीक्षा की है। वैश्विक संस्‍था ने एक ओर जहां चीन की अर्थव्यवस्‍था में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा वहीं भारत के बारे में कहा है कि और तेज विकास के लिए उसे कड़े आर्थिक सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत करनी होगी।
दालों को छोड़कर खरीफ फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्ध‍ि

दालों को छोड़कर खरीफ फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्ध‍ि

खरीफ फसलों के लिए केंद्र सरकार ने न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य का ऐलान किया है। हालांकि अरहर, मूंग और उड़द पर 200 रुपये का अतिरिक्‍त बोनस दिया जाएगा लेकिन धान, कपास, ज्‍वार, बाजार जैसी अधिकांश खरीफ फसलों के समर्थन मूल्‍य में 15 से 50 रुपये तक की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्‍याज मुक्‍त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्‍य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्‍ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
व्यापार की राह पर खेती

व्यापार की राह पर खेती

विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्‍मीद जताई है।
मोदी राज में 64 फीसदी तक महंगी हुई दालें

मोदी राज में 64 फीसदी तक महंगी हुई दालें

मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्‍न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्‍तूर जारी है।
कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्‍था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?
किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

चौ. टिकैत के आन्दोलन में न तो नेताओं की भरमार थी और न पदाधिकारियों की कतार। इस आन्दोलन में शामिल हर व्‍यक्ति सिर्फ किसान था। चौ. टिकैत जनता के बीच से आए थे और अाखिरी दम तक जनता के बीच रहे। यही सादगी और खरापन उनकी पहचान बन गया। उनकी मृत्यु के बाद किसान आन्दोलन में पैदा खालीपन की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।
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