ईरानी संसद में सांसदों की हरकतों को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज है। ईरानी नागरिक इसे बेहद शर्मनाक बता रहे हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि अपने सांसदों के कृत्य के खिलाफ ईरानी जनता सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इजहार कर रही है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में अपनी-अपनी परेशानियां लेकर पहुंचे लोगों के बीच भगदड़ मच गई है जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं।
मेटा (महिन्द्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवॉर्ड्स) महोत्सव में इस बार मेटा 2017 लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड ककड़े काका के रूप में मराठी थिएटर के मशहूर कलाकार अरूण ककडे को प्रदान किया जाएगा। रंगकर्म क्षेत्र में प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत मेटा लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार के अलावा 13 विभिन्न श्रेणियों में भारतीय रंगकर्म के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया जाएगा।
अंगोला के एक फुटबॉल स्टेडियम में भगदड़ मचने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए जिसके बाद सरकार ने पूरी घटना की जांच करने के लिए एक आयोग का गठन किया। यह दक्षिणी अफ्रीकी देश में फुटबॉल से जुड़ा अब तक का सबसे भीषण हादसा है।
गंगासागर मेले से लौटते वक्त रविवार को कम-से-कम छह तीर्थयात्रिायों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने पहले इस घटना को भगदड़ बताया लेकिन राज्य सरकार ने बाद में दावा किया कि यह भगदड़ की घटना नहीं है।
उत्तर प्रदेश के चंदौली और वाराणसी जिले की सीमा पर स्थित बाबा जय गुरुदेव संस्थान के कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे श्रद्धालुओं में मची भगदड़ में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में अन्य लोग जख्मी हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हादसे पर दुख जताते हुए पीड़ितों के लिए मुआवजे का एलान कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के चंदौली और वाराणसी जिले की सीमा पर शनिवार सुबह हुए एक बड़े हादसे में 18 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। यह हादसा बाबा जय गुरुदेव की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान परिक्रमा कर रहे श्रद्धालुओं के बीच मची भगदड़ की वजह से पेश आया।
हज के लिए सऊदी अरब पहुंचे दुनिया भर के लाखों मुसलमान हज से जुड़े अरकानों (धार्मिक रीति रिवाज) को एक-एक कर पूरा करते हुए रविवार को अराफात की पहाड़ी पर पहुंचे। इस पहाड़ी पर इबादत को हज के दरम्यान का एक अहम पड़ाव माना जाता है। पिछले साल की भगदड़ की त्रासदी के बाद इस बार व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
भिखारी ठाकुर पुरस्कार से सम्मानित युवा रंगकर्मी अमित रौशन, राष्ट्रकवि दिनकर की भूमि बेगूसराय के सुपुत्र हैं। वह बिहार थिएटर की दुनिया का ऐसा नाम हैं जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि रंगमंच की नहीं लेकिन जिस शिद्दत से उन्होंने रंगमंच को गले लगाया और उसे जी रहे हैं।