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Search Result : "Shubham Gill"

न्यूजीलैंड दौरा: टेस्ट में पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल को मौका, वनडे में मयंक लेंगे रोहित की जगह

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न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान हो गया है। केएल राहुल के फार्म को देखते हुए यह अंदाजा...
बाड़मेर रेसिंग एक्सीडेंट में अर्जुन पुरस्कार विजेता गौरव गिल पर गैर इरादतन हत्या का केस

बाड़मेर रेसिंग एक्सीडेंट में अर्जुन पुरस्कार विजेता गौरव गिल पर गैर इरादतन हत्या का केस

नेशनल रैली चैंपियनशिप रेस के दौरान दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो जाने के बाद पुलिस ने अर्जुन...
दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम घोषित, राहुल बाहर शुभमन गिल को मिला मौका

दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम घोषित, राहुल बाहर शुभमन गिल को मिला मौका

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो अक्टूबर से शुरू होने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए आज भारतीय टीम का...
भारत ए के लिए युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने जड़ा दोहरा शतक, बने ऐसा करने वाले सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज

भारत ए के लिए युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने जड़ा दोहरा शतक, बने ऐसा करने वाले सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज

भारत के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने गुरुवार को इंडिया ए की ओर से खेलते हुए वेस्टइंडीज ए के खिलाफ चार...
नहीं रहे ‘सुपरकॉप’ केपीएस गिल, पंजाब से किया था आतंकवाद का खात्मा

नहीं रहे ‘सुपरकॉप’ केपीएस गिल, पंजाब से किया था आतंकवाद का खात्मा

पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। गिल ने दोपहर ढाई बजे दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी आयु 82 वर्ष थी। गिल ने पंजाब में आतंकवाद को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई थी।
बेनूर है नूर

बेनूर है नूर

कुल ड्रेसेस, कूल डायलॉग, कूल फ्रेंड्रस। ऐसा लगता है कि कॉलेज मस्ती की कोई डॉक्यूमेंट्री चल रही है और बस दर्शक 146 मिनट खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। सब कुछ इतना कूल है कि फिल्म कोल्ड स्टोरेज से निकाली गई मालूम पड़ती है। नूर फिल्म की समीक्षा बस इतनी ही है। फिल्म है तो थोड़े बहुत ट्विस्ट एंड टर्न्स तो होंगे ही। निर्देशक ने अपने चरित्रों को स्थापित करने और कहानी समझाने में ही आधा वक्त बर्बाद कर दिया है। धीमी रफ्तार तो बस जान ही ले लेती है।
यूपीएससी में सफल अंसार ने आखिर क्‍यों अपने लिए एक बार हिंदू नाम चुना

यूपीएससी में सफल अंसार ने आखिर क्‍यों अपने लिए एक बार हिंदू नाम चुना

सिविल सर्विस परीक्षा में 361 वीं रैंक के साथ सफलता हासिल करने वाले मुस्‍िलम युवक अंसार अहमद शेख ने एक बार अपना नाम बदल कर शुभम रख लिया था। पुणे के फर्ग्‍युसन कालेज में पढ़ने आए अंसार ने ऐसा इसलिए किया था ताकि उसे कालेज हास्‍टल में रहने और खाने की उचित सुविधा मिल सके।
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