मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।
हर व्यक्ति का अपना एक अतीत होता है। बल्कि कहना गलत न होगा कि हमारा वर्तमान हमारे अतीत की नींव पर टिका होता है। ऐसे में अगर हमारे भीतर से अतीत विस्मृत हो जाए तो हमारा पूरा वजूद डावांडोल होने लगता है। हम अपनी पहचान के संकट से आक्रांत हो उठते हैं। ऐसे में किसी संवेदनशील व्यक्ति का अपने अतीत की तहों में उतरकर स्मृतियों के रेशे तलाशना स्वाभाविक है।
पंजाब चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अपना दांव खेल दिया है। सिख वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार की है। जिसके तहत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर 1984 सिख विरोधी दंगे में माफी मांगने को तैयार हैं।
अमर प्रेम के प्रतीक स्मृतियों की प्रतिध्वनी ऐतिहासिक महलों से निकलकर जब मंच से गूंजती है, तो वह अपने दीर्घ अनुभवों के प्रकाट्य स्वर बनकर आयोजन की सार्थकता को सिद्ध करती हैं।
3 जून 1944 को नजीबाबाद, जिला बिजनौर में जन्म। लहरों का संघर्ष लघुकथा संग्रह। स्वप्न भंग, टूटते संवाद कहानी संग्रह। नारी - तन मन गिरवी, कब तक (नारी विमर्श), सफाई का नरक (दलित विमर्श) और अंधेरे में रोशनी (दलित संघर्ष) पर निबंध संग्रह। कई पुरस्कारों से सम्मानित।
पिछले दिनों प्रसिद्ध साहित्यकार और नाच्यो मैं बहुत गोपाल, सुहाग के नुपूर जैसी कालजयी कृतियां लिखने वाले अमृतलाल नागर की 99 वीं बरसी पर बालेंदु शेखर मंगल मूर्त्ति ने उनके साथ बिताए पलों को साझा किया।
मेरे अंगने में रूढ़िवादी सास की भूमिका निभा रहीं कृतिका देसाई का रीयल लाइफ अवतार देखकर उनके प्रशंसक सकते में आ सकते हैं। बाली में छुट्टियां मना रही यह खड़ूस सास अपने मेकअप और गेटअप से इतनी परेशान हो गईं कि वहां बिलकुल अलहदा नजर आईं।