दिव्या दत्ता प्रतिभाशाली कलाकार हैं। वह हर रोल में फिट बैठती हैं। वह खुद को रोल में इतनी विश्वसनीयता से ढालती हैं कि लगता है वह उसी किरदार की तरह होंगी। चॉक एन डस्टर के बाद दिव्या नए अंदाज में दिखेंगी।
गणित के कठिन सवालों के बीच गोदान का होरी भी जिंदगी के जवाब खोजता है। रसायन के सूत्र भले भूल जाएं मगर चंदर का सुधा भूल जाना अखरता है। प्रकाश के परावर्तन का नीरस सिद्धांत सुनील के केस को सुलझाते ही सरस लगने लगता है। ब्लैक बोर्ड पर अल्फा, बीटा, गामा के बीच निर्मला, चोखेरबाली और राग दरबारी भी धमाचौकड़ी मचाते हैं। अमूमन घरों में होशियार बच्चे विज्ञान पढ़ते हैं। विज्ञान में भी लड़के गणित और लड़कियां जीव विज्ञान पढ़ती हैं। जब कोर्स की किताबें ही साल में खत्म करना मुश्किल हो तो कहानी-कविताएं, उपन्यास पढ़ने के लिए किसके पास वक्त है। गणित लेने के बाद अर्जुन की आंख की तरह बस एक ही लक्ष्य है, आईआईटी। विज्ञान पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कम कुछ भी गवारा नहीं है। मोटी-मोटी किताबों, सुबह से शाम तक चलने वाली कोचिंग क्लासों के बीच इंजीनियर बनने का सपना पलता है। ऐसे में साहित्य की कौन सोचे। पढ़ाई के दौरान साहित्य पढऩा समय की बर्बादी है और लिखना... इसके बारे में तो सोचना भी मत।
राज्यसभा में गुरुवार को कई सदस्यों ने बाबा रामदेव पुत्रजीवक बीज दवा पर पर प्रतिबंध लगाने और इसे बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी। बाबा रामदेव कई साल पहले भी अपनी दवाओं को लेकर विवादों में घिर चुके हैं।