मध्य प्रदेश में कर्ज की समस्या के बोझ तले दबे किसान आए दिन आत्महत्या कर रहे हैं। प्रदेश में किसान आंदोलन खत्म होने के बाद भी किसान आत्महत्या का सिलसिला कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के गांव पिपलिया व्यास में रविवार को 60 वर्षीय किसान प्यारेलाल ओड ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। अब यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा है। आज कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता प्यारेलाल के परिजनों से मिलने पहुंचे। इधर जिला प्रशासन ने तत्काल न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए।
मध्यप्रदेश में एक और किसान कर्ज से परेशान होकर कथित रूप से खुदकुशी कर ली है, जिसके बाद प्रदेश में बीते 10 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
महाराष्ट्र और मध्य-प्रदेश में किसानों की आत्महत्या और आंदोलन ने देश भर को हिला कर रख दिया है। इस बीच झारखंड में भी एक किसान ने आत्महत्या ली है। जानकारी के मुताबिक कर्ज से परेशान होकर किसान ने मौत को गले लगाया।
देश के विभिन्न हिस्सों में एक ओर जहां कर्ज माफी को लेकर किसान आंदोलित हो रहे हैं, तो वहीं इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र इस मुद्दे पर किसानों की कोई मदद नहीं करेगा। रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। वहीं, मध्यन प्रदेश में भी किसान अपनी तमाम मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान हुई फायरिंग और किसानों के मुद्दों को लेकर प्रधान मंत्री मोदी ने बैठक ली है। सूत्रों के अनुसार देश के कई हिस्सों में किसानों का प्रदर्शन और मंदसौर में हुई फायरिंग पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई। वहीं मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के हालात को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को फोनकर जानकारी दी है।
राजस्थान के भाजपा विधायक ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। विधायक ने कहा कि एक भी किसान ऐसा नहीं है जिस पर कर्ज न हो। किसान अपने दूध सड़क पर फेंक रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है।