राष्ट्रपति चुनाव में समाजवादी पार्टी का पारिवारिक झगड़ा खुलकर सामने आ गया है। सपा नेता शिवपाल यादव ने दावा किया है कि पार्टी के 12 से15 विधायक राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस-वोटिंग कर सकते हैं।
देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में जारी मतदान के बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार की जीत की उम्मीद जताई है।
शिवसेना ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। उपराष्ट्रपति चुनाव में गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने पर शिवसेना ने कटाक्ष किया है।
आज देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए मतदान शुरू हो चुका है। इस रेस में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार से है। हालांकि इस चुनाव में रामनाथ कोविंद का पलड़ा भारी है वहीं विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार भी कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा के नेता मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं ने मतदान कर दिया है।
एनडीए कोविंद की बड़ी जीत तय करने के लिए विपक्ष के वोटों में सेंध लगाने की रणनीति बना रहा है। इस सिलसिले में शाम को एक अहम बैठक भी होगी जिसमें जीत के लिए मास्टर प्लान बनाया जाएगा।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी में एक बार फिर दरार दिखाई दे रही है। सपा अध्यक्ष विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार के साथ हैं, तो शिवपाल यादव ने एनडीए के उम्मीदवार कोविंद को वोट देने का ‘मन बना लिया है।’
आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन करने का फैसला किया है। यह फैसला ‘आप’ के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुए बैठक के तहत किया गया।
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा की याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को सौंप दी है। हाईकोर्ट गुरुवार से इस पर सुनवाई करेगा। चुनाव आयोग ने नरोत्तम मिश्रा को आगामी तीन साल के तक चुनाव लड़ने से आयोग्य ठहरा दिया था जिस पर उन्होने अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई राष्ट्रपति चुनाव से पहले पूरी कर लेने को कहा है।
बेशक जदयू ने राष्ट्रपति के लिए एनडीए समर्थित उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर विपक्षी एकता को झटका दिया हो लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के गोपालकृष्ण गांधी के नाम पर नीतिश ने राहुल की बात मान ली है। इस कदम को विपक्ष की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।