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पूर्व मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामला, सुप्रीम कोर्ट ने बंद की सुनवाई

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न में खुद के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट...
पूर्व मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामला, सुप्रीम कोर्ट ने बंद की सुनवाई

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न में खुद के नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुरू की गई सुनवाई को बंद कर दिया गया है। इस मामले में संबंधित सबूत प्राप्त करने में असमर्थता का हवाला देते हुए कोर्ट ने सुनवाई बंद की  है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो साल के बाद इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त करने की संभावना बहुत कम है। अदालत ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि मुख्य न्यायधीश रहते हुए असम में एनआरसी सहित कई अहम फैसले गोगोई ने लिए थे। जिसे देखते हुए उनके खिलाफ साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है।

साथ गोगोई के खिलाफ साजिश की जांच के लिए बनाई गई ती सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति पटनायक ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था, कि 25 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनावों का जो जनादेश आया है। उसको लेकर इस बात की जांच नहीं की जा सकती है कि न्यायधीश गोगोई के फैसले की वजह से उनके खिलाफ साजिश हुई थी या नहीं।

न्यायधीश संजय किशन कौल ने कहा कि वर्तमान सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली समिति की एक और रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई है। इस मामले में उन्होंने कहा कि दो साल बीत चुके हैं, कोई और अधिक इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद होने की संभावना नहीं है।

पीठ के अन्य न्यायधीश ए एस बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम ने यह भी कहा कि रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक व्हाट्सएप संदेशों की तरह इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्राप्त नहीं जुटा पाए और इसलिए मामले को जारी रखकर कोई उद्देश्य नहीं रह गया है।

 

 

 

 

 

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