सार्थक व्यंग्य की प्रतिष्ठा अखबारों में बहुत छपते रहने के बावजूद हिंदी व्यंग्य की गुणवत्ता पर बहस होती रहती है। इस संदर्भ में मालिश महापुराण को पढ़ना सुखद अनुभव है। OCT 06 , 2015