विधि आयोग को एक स्थायी संस्था का रूप देने के प्रस्ताव को फिलहाल सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है और हर तीन साल पर पुनर्गठन की मौजूदा व्यवस्था को जारी रखने का फैसला किया है।
बाल विवाह के खिलाफ कानून चाहे कठोर बन गया हो लेकिन उसे कठोरता से लागू नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि देश में बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।
भारत सरकार का कहना है कि पत्नी से बलात्कार की अवधारणा भारत में लागू नहीं हो सकती। क्योंकि यहां विवाह को संस्कार माना जाता है। इस तर्क के आधार पर सरकार ने वैवाहिक संबंधों में होने वाले बलात्कार को कानूनन अपराध बनाने से इंकार कर दिया है।