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दिल्ली के लिए दिली ख्वाहिश

दिल्ली के लिए दिली ख्वाहिश

दो काव्य-संग्रह, नदी के पार नदी (2002), नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, मैं सड़क हूं (2011), बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित। देश की सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं,आलेख,समीक्षाएं प्रकाशित। कुछ संपादित संग्रहों में कविताओं का चयन। हिंदी समय, (महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) पर काव्य संग्रह' मैं सड़क हूं' की ई पुस्तक सहित कई कविताएं शामिल। कुछ कहानियां/लघु-कथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन/आकाशवाणी से कविताओं/कहानियों का प्रसारण।
कविता - जन्नत न जाने पाए

कविता - जन्नत न जाने पाए

सितंबर 1947 में बक्सर, बिहार में जन्में उपेन्द्र कुमार सन 1972 की भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर सरकारी सेवा में नियुक्ति, संसदीय कार्य, श्रम एवं रक्षा मंत्रालयों के विभिन्न विभागों में 35 वर्षों से अधिक सक्रीय सेवा में रहे। उनकी पुस्तकों में बूढ़ी जड़ों का नवजात जंगल, मैं बोल पड़ना चाहता हूं, चुप नहीं है समय, प्रतीक्षा में पहाड़, गांधारी पूछती है, उदास पानी, प्रेम प्रसंग, गहन है यह अंधकार प्रमुख है। उन्हें कई पुरस्कार एवं सम्मान मिल चुके हैं।
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