जम्मू और कश्मीर की बागडोर जल्द ही महबूबा मुफ्ती संभाल सकती हैं। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी बेटी महबूबा के राज्य की कमान संभालने की बातों को खारिज नहीं किया है।
पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात-उद-दावा प्रमुख और 26-11 के मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद की याचिका पर बाॅलीवुड फिल्म 'फैंटम' के देश में प्रदर्शन पर रोक लगा दी। सईद ने आरोप लगाया था कि 26-11 के हमलों के बाद की परिस्थितियों पर बनी फिल्म में उसके तथा उसके संगठन के खिलाफ कुत्सित दुष्प्रचार है।
बरेलवी मरकज दरगाह आला हजरत के उलमा ने दहेज मांगने वालों और शादियों में खड़े होकर खाना खिलाने वालों का बहिष्कार करते हुए उनके यहां निकाह न पढ़ाने का फैसला किया है।
ज्यादातर भारतीय फिल्म निर्देशक ‘पोस्ट इंटरवेल ब्लू’ यानी मध्यांतर के बाद फिल्म को झुला देने की आदत से पीड़ित रहते हैं। तो कुछ हद तक गुड्डू रंगीला के निर्देशक सुभाष कपूर भी इससे बच नहीं पाए हैं। लेकिन यदि खाप पंचायत के सामने लड़कियों की स्थिति पर एक शानदार तकरीर वाले दृश्य पर विचार किया जाए, आखिरी दृश्य में शोले स्टाइल की लड़ाई और इस तरह के दृश्यों को देखें तो लगता है कि भारतीय दर्शकों के लिए भी यह सब जरूरी है। आखिर बुरा आदमी लहूलुहान हो कर पिटे ही न, उससे परेशान दो लड़कियां हीरो स्टाइल में उसे गोली न मारे तो क्या मजा। आखिर यह मजा ही दर्शकों को सिनेमाघर में खींचता है।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड समेत कई प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने भारतीय हज कमेटी द्वारा इस साल हज यात्रा पर जाने वाले लोगों से कुरबानी के लिए पहले ही धन वसूले जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए इसे गैर-शरई करार दिया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंगलवार को राज्य के लोगों से कहा कि व्यवस्था को पटरी पर लाने में वक्त लगेगा इसलिए पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के साथ थोड़ा धीरज रखें।
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जफर सरेशवाला के रवैये से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य नाराज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले सरेसवाला ने पर्सनल लॉ बोर्ड के उस प्रस्ताव का विरोध किया
हिन्दूवादी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी कार्यक्रम का मुद्दा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी 20 मार्च से जयपुर में होने वाली तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से उठने की प्रबल सम्भावना है।
सईद मिर्जा का सिनेमा सामाजिक सरोकारों वाले सिनेमा के लिए जाना जाता है। भारतीय समानांतर सिनेमा के इस निर्देशक ने सलीम लंगड़े पे मत रो और अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है जैसी कई महत्वपूर्ण फिल्में बनाई हैं।