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चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

राजनेता हों या अधिकारी, कारपोरेट किंग पूंजीपति या मजदूर – अदालत और अस्पताल पहंुचते ही कांपने लगते हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा – कानून का शिकंजा खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह हाथ या पैर की ऊंगली का नाखून ही निकला हो अथवा हृदय रोग – सर्जन के चमकते चाकू से निकलने वाला नतीजा जिंदगी दे या ले सकता है।
पुरानी दिल्ली में आज भी आते हैं भोजनभट

पुरानी दिल्ली में आज भी आते हैं भोजनभट

चांदनी चौक में सदियों पुरानी मुगल काल की दुकान घंटेवाला हाल में बेशक बंद हो गई हो, लेकिन आसपास के दूसरे चाट-पकौड़ी के ठिकाने आज भी खाने-पीने के शौकीनों से गुलजार रहते हैं।
‘कैलेंडर गर्ल्स’ बाहर निकलीं

‘कैलेंडर गर्ल्स’ बाहर निकलीं

मधुर भंडारकर सामाजिक विषयों में मनोरंजन और व्यावसायिकता का तड़का लगा कर फिल्में बनाना पसंद करते हैं। चांदनी बार से लेकर फैशन तक उन्होंने किसी न किसी उद्योग को आधार बना कर काम किया है। इस बार वह कैलेंडर पर दिखने वाली खूबसूरत बालाओं पर फिल्म बना रहे हैं।
कीर्ति आजाद ने दी जेटली के खिलाफ एफआईआर की अर्जी

कीर्ति आजाद ने दी जेटली के खिलाफ एफआईआर की अर्जी

संभवत: पहली बार किसी सांसद ने अपनी ही पार्टी के केंद्रीय मं‍त्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की अर्जी दी है। भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ आईपी इस्टेट पुलिस थाने को शिकायत भेजकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। आजाद ने आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में जो बार सं‌चालित करता है उस बार में 2 अक्टूबर, 2013 को शराब परोसी गई थी जबकि दो अक्टूबर (महात्मा गांधी का जन्मदिन) पूरे देश में शुष्क दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन कहीं भी शराब परोसना कानूनन जुर्म है।
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