सरकारी लापरवाही और लालफीताशाही लगातार समाज को घाव देती रहती है। मेला-त्योहार नहीं गली-मोहल्ले में पतंगबाजी के लिए उपयोग होने वाले मांझे से दिल्ली में दो मासूम बच्चों की जान चली गई। मजबूती के नाम पर अब घर-आंगन में तैयारी करने के बजाय बाजार में खतरनाक पटाखों की तरह जानलेवा चीनी मांझा उपलब्ध होने लगा है।