एसिड अटैक की शिकार शबीना का हाथ थामा शमशाद ने
बारह साल पहले अपने मंगेतर के ही हाथों तेजाब के हमले के बाद चेहरे और जिस्म पर जले के निशान व दिल में अरमानों के जख्म झेल रही शबीना का हाथ उसके मोहल्ले के ही शमशाद ने थाम लिया जिससे शबीना की जिंदगी में खुशी की एक नई सुबह आई है। शबीना के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ने और इलाज कराने वाली स्वंयसेवी संस्था सखी ने उसकी शादी करवाई।