चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर सोशल मीडिया में काफी ट्रेंड कर रहे हैं। हालही में हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकातों के बाद कांग्रेस में अब बड़े बदलाव होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं प्रशांत की इन मुलाकातों को लेकर माना जा रहा है कि वह कांग्रेस का हिस्सा भी बन सकते हैं। सोशल मीडिया में कांग्रेस से प्रशांत की मुलाकातों के बाद कई प्रकार की अटकलें लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। उस दौरान मीटिंग में प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और पंजाब के प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद हैं। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर पंजाब को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
सूत्रों की माने तो पंजाब को लेकर पार्टी में कुछ बड़े फैसले हो सकते हैं। इससे पहले प्रशांत किशोर कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिले थे। प्रियंका गांधी को लखनऊ जाना था लेकिन उनका लखनऊ का दौरा 2 दिन के लिए टल गया है। वहीं इन मुलाकातों को लेकर कुछ का मानना है कि यह पंजाब या यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर नहीं बल्कि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को लेकर हुई है। जिसमें प्रशांत किशोर की अहम भूमिका हो सकती है।
प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद ट्विटर पर एक शख्स ने ट्विट किया कि इतना तो मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर कयास नहीं लगाया जितना प्रशांत किशोर की गांधी परिवार से बैठक को लेकर लग रहा है। कोई कहता है पंजाब के बारे में थी, तो कोई कहता है पवार को राष्ट्रपति बनाने के बारे में और कोई कह रहा है कांग्रेस में शामिल होंगे पीके।
एक और व्यक्ति ने ट्विट किया कि खबर है प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने वाला है।पिछले यूपी चुनाव में खाट पे चर्चा करते करते राहुल की खाट खड़ी कर दी थी, इस चुनाव में प्रियंका के साथ कुर्सी पे चर्चा करेगा। देखते हैं कांग्रेस के कुर्सी की कोई टांग बचती है या नहीं।
वहीं नरेंद्र नाथ मिश्रा ने ट्विट कर दावा किया कि प्रशांत किशोर की गांधी परिवार के साथ मीटिंग में पंजाब या किसी स्टेट की बात नहीं हुई। यह एक “बड़ी योजना” के संदर्भ में था,जिसके लिए पिछले कई दिनो से बात चल रही है। आने वाले दिन दिलचस्प होने वाले हैं- कांग्रेस सोर्स"
एक व्यक्ति ने प्रशांत किशोर की तारीफ करते हुए ट्विट किया "प्रशांत किशोर की रणनीति ने एक नही चार-चार बार चाणक्य को धराशायी किया है..विपक्ष को प्रशांत की बात मानकर साथ आना चाहिए, और एक दूसरे की भागेदारी मिलजुल कर तय करनी चाहिए..! बाकी भाजपा को दिन में तारें दिखाने का काम प्रशांत पर छोड़ दें..!!"