Advertisement

'आमिर की पत्नी कौन-सा अख़बार पढ़ती हैं? सामना तो नहीं'

आमिर खान के रामनाथ गोयनका समारोह में दिए गए बयान पर सोशल मीडिया पर बवाल मचा है। गौरतलब है कि आमिर खान ने कहा था कि पिछले छह-आठ महीनों में देश में माहौल गड़बड़ हुआ है और उनकी पत्नी किरण राव ने तो देश छोड़ने पर उनसे चर्चा भी की थी।
'आमिर की पत्नी कौन-सा अख़बार पढ़ती हैं? सामना तो नहीं'

दिलीप सी.मंडल- किरण राव, आपको जाना है तो जाओ, गुड बाय, आमिर को भी ले जाओ, आमिर आपको भी जाना है तो जाओ, यह नाटकबाजी ठीक नहीं है। ये क्या तमाशा लगा रखा है? दुबई में कोठी होगी, लंदन में फ्लैट। जाओ, कभी कभी आते रहना, तुम्हारे साथ कोई नहीं जा रहा है, हम लोग यहां अपने देश का माहौल ठीक कर लेंगे। हम लोगों को आता है। बिहार से इलाज शुरू हुआ है। मरीज पक्का ठीक हो जाएगा। हमें पता चला गया है कि सेकुलरिज्म का हल्ला करने से बीजेपी मजबूत होती है। हारती तब है, जब उसके सवर्ण चरित्र पर हमला होता है।

आप जो तमाशा कर रहे हो, उससे मामला हिंदू-मुसलमान बनेगा। यह संघ का खेल है, जिसे आप जाने अनजाने खेल रहे हो। अपना देश है। संघियों ने माहौल गंदा कर दिया है। तो माहौल ठीक करने की कोशिश करेंगे या जाने की बात करेंगे? किरण और आमिर, आप लोगों को जो मन में आए कीजिए। नौटंकीबाज कहीं के। इनके भरोसे कोई नहीं बैठा है। सेकुलरिज्म की नौटंकी इन्हीं को मुबारक।

 

राकेश सिन्हा- आमिर खान को जो देश भारत से अधिक सहिष्णु लगता है वहां चले जाए। पश्चिम के देशो की कुछ झलकियाँ बेल्जियम ने बुर्का फ्रांस ने हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया।

 

स्वतंत्र मिश्र- मुझे आमिर खान पता नहीं क्यों बहुत हिसाबी लगते हैं।

 

पुष्या मित्रा- आमिर खान को मिडिल ईस्ट, अफ्रीका या किसी एशियाई मुल्क में ही शरण लेनी पड़ेगी। पेरिस ब्लास्ट के बाद से यूरोपीय और अमेरिकी मुल्कों में शरणार्थियों की एंट्री बंद हो गई है।

 

आरके खत्री- आमिर खान की बीवी अखबार में ऐसा क्या पढ़ती है कि उसको डर लगता है? कहीं ‘सामना’ अखबार तो नहीं पढ़ लिया?

 

विक्रम सिंह चौहान-आमिर खान गंभीर अभिनेता है और उनकी बातों और अभिनय में वजन होता है। सत्यमेव जयते से उन्हें और बेहतर तरीके से मैं समझ सका। आमिर इनक्रेडिबल इंडिया से इंटॉलरेंस इंडिया पर क्यों आये इसे समझने की जरूरत है। उनकी पत्नी किरण राव की तरह देश की महिलाएं विशेषकर अल्पसंख्यक वर्ग मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बदल रहे माहौल से चिंतित है

 

मेघना मेधावी- टीवी पर आ रहे उस विज्ञापन का क्या, जिसमें तुम भारत को इनक्रेडिबल अर्थात् 'अतुल्य' कहते हो। या पैसे लेकर झूठ बोलते हो?

 

आयूष सिंह- अब मैं स्नैपडील से कोई प्रोडक्ट नहीं खरीदूंगा। स्नैपडील के सामान का बायकॉट और हर उस सामान का बायकॉट जिसका आमिरखान प्रचार करते हैं।  

 

वेकेंट- सरकार को आमिर खान को तमाम सरकारी विज्ञापनों से हटा देना चाहिए। आमिर ने तमाम मौलिक अधिकार खो दिए।

Leatherfacewords-आमिर ने सच बोला, हैट्स ऑफ #AamirKhan, भारत में असहिष्णुता बड़ रही है।

 

Benjamin Netanyahu-@snapdeal अब मैं तुमसे कोई सामान तब तक नहीं खरीदूंगा जब तक आमिर खान तो हटा नहीं देते।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad