‘सराहा’ ऐप में सबसे मजेदार बात यह है कि इसके द्वारा आप अपने प्रोफाइल से संबंधित किसी भी व्यक्ति को मैसेज भेज सकते हैं और किसी को यह भी पता नहीं चलेगा कि आखिर यह मैसेज किसके द्वारा आया है। जाहिर है, इसका जवाब भी नहीं दिया जा सकता और यही कारण है कि ये ऐप लोगों के बीच बहुत तेजी से फैल रहा है।
‘सराहा’- 'ईमानदारी'
हैरानी की बात यह है कि ऐप बनाने वाली इस स्टार्टअप को सिर्फ तीन लोग चलाते हैं। इनमें 29 साल के जेन अल-अबीदीन तौफीक और उनके दो दोस्त शामिल हैं। बता दें कि ‘सराहा’ एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब 'ईमानदारी' होता है।
गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड संख्या 50 लाख से ऊपर
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे इस ऐप को बनाने वाले सऊदी अरब के 29 वर्षीय जेन अल-अबीदीन तौफीक से जब यह पूछा गया कि क्या वो इसे बनाते समय यह सोच रहे थे कि ये इतना लोकप्रिय हो जाएगा? तो इस पर तौफीक ने कहा कि वो आशावादी थे, सोच रहे थे की डाउनलोड की संख्या 1000 तक पहुंचेगी, लेकिन अब ये गूगल प्ले स्टोर पर ही 50 लाख से भी ऊपर पहुंच गई है।
ऐप में ब्लॉक या फिल्टर की सुविधा मौजूद
तौफीक से जब पूछा गया कि अगर लोगों को मैसेज भेजने वाले का पता नहीं चलेगा तो इसका गलत इस्तेमाल भी बेखौफ तरीके से हो सकता है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि ऑनलाइन उत्पीड़न, शोषण या बुरा व्यवहार करने से रोकने की भी सख्त व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि इस ऐप में ब्लॉक या फिल्टर करने की सुविधा भी मौजूद है।
पहचान गुप्त रखकर कह सकते हैं अपनी बात
तौफीक ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से कंपनी के कर्मचारी अपने बॉस को अपना नाम गुप्त रखते हुए फीडबैक दे सकते हैं। तौफीक ने बताया कि इसे बनाने के पीछे मकसद है कि आप किसी व्यक्ति से वो सब कह सकें जो आप उनके सामने आकर नहीं कह सकते क्योंकि संभवतः जो आप कह रहे हैं उसे सुनना उन्हें अच्छा न लगे।