प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय गुजरात अभियान पर हैं। लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी रैलियों में भीड़ की तस्वीरें वायरल होती थीं लेकिन गुजरात चुनाव में उनकी रैली की खाली कुर्सियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। कहा जा रहा है, जो ‘मोदी लहर’ लोक सभा चुनाव में थी, वह गुजरात चुनाव में गायब है।
रविवार को पीएम मोदी ने भरूच में एक रैली को संबोधित किया। मोदी की इस रैली में भी कथित तौर पर उनकी सौराष्ट्र के जसदण की रैली की तरह खाली कुर्सियां देखी गईं। रैली का एक वीडियो (वीडियो की पुष्टि हम नहीं करते) सोशल मीडिया पर तैर रहा है।
यह वीडियो ट्विटर यूजर जैनेन्द्र कुमार ने शेयर किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि भरूच में प्रधानमंत्री जिस रैली को संबोधित कर रहे हैं वहां बहुत सारी कुर्सियां खाली रहीं। वीडियो में उन्होंने कहा, ‘गुजरात विधानसभा चुनाव में 150 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा के लिए ये चिंताजनक है। क्योंकि पीएम मोदी की सभाओं में भीड़ तो दूर की बात यहां सीटें भी नहीं भर पा रही हैं। यहां चारों तरफ कुर्सियां खाली पड़ी हैं। रैली मैदान का लगभग एक चौथाई हिस्सा खाली है। ऐसा तब है जब प्रधानमंत्री का भाषण चल रहा है।’
गुजरात में BJP प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैलियों में कुर्सी नहीं भर पा रही है, विधानसभा में 150 कुर्सी कैसे भरेगी?
(जम्बुसर, भरूच की तस्वीर) pic.twitter.com/TbpMlaZPiy
— जैनेन्द्र कुमार (@jainendrakumar) December 3, 2017
हालांकि वीडियो में उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी का कार्यक्रम 10 बजे का था लेकिन उन्हें आने में देर हो गई और 1 बज गए।
बता दें कि वीडियो सामने आने के बाद ट्विटर पर कई यूजर्स ने इस पर तंज कसा।
Modi's self defeat is at grand display when he's campaigning in Gujarat. Gone are his theatrics. In timid voice he's begging to ppl. Chairs empty. Bhakts gone. This was long due! pic.twitter.com/0cQK79XWIc
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) November 27, 2017
लेकिन अब इस तरह की तस्वीरें लोग शेयर कर रहे हैं।
रैलियों में भीड़ राजनीतिक ताकत दिखाने का अहम जरिया होती है। पिछले दिनों लालू यादव ने पटना में एक रैली की फोटोशॉप्ड तस्वीर शेयर कर दी थी। यह अपनी लोकप्रियता दिखाने का भी पैमाना है। ऐसे में अगर पीएम मोदी की रैलियों में लोग कम आ रहे हैं तो इसे चर्चा का विषय होना ही था। लेकिन इसका चुनाव के परिणामों पर क्या असर पड़ता है, इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उसके लिए 18 दिसंबर का इंतजार करना होगा।