आरबीआई ने वर्ष 2016-17 की अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि नोटबंदी के तहत कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 1000 और 500 रुपये के नोट चलन से बाहर किए गए थे। 30 जून, 2017 तक इनमें सेे कुल 15.28 लाख करोड़ रुपये मूल्य के पुरानेे नोट आरबीआई में वापस आ गए हैं, जो बंद किए गए नोटों का 99 फीसदी है। इस तरह करीब 16,000 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट ही बैंकों में वापस नहीं आए हैं। इनमें बड़ा हिस्सा कालेधन का हो सकता है। अर्थव्यवस्था, आम जनता, बैंकों और आरबीआई पर नोटबंदी के व्यापक असर को देखते हुए सिर्फ एक फीसदी नोटों का बैंकों में वापस न आना चौकाने वाला आंकड़ा है। इससे नोटबंदी के औचित्य पर ही सवाल खड़े होने लगे हैैं।
लोगों ने सवाल उठाने शुरू भी कर दिए हैं। सोशल मीडिया में लोगों की क्या प्रतिक्रियाएं रहीं, आइए, देखते हैं-
Lakhs lost livelihoods, wages frozen, over 100 died and eod 99% demonitised currency came back! A gargantuan disaster #DeMonetisation
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) August 30, 2017
नोटबँदी और GST सिर्फ वही लागू कर सकता है जिसका दिमाग खाली और डिग्री जाली हो
— सँजू शयोकँद (@QnaeG2j1D4XeN1n) August 30, 2017
Reacion of aam Janta post #RBI detail reports!! #DeMonetisation pic.twitter.com/pffHalzgA0
— काकावाणी (@AliSohrab007) August 30, 2017
Money Gained= 16k crore
Cost of printing notes= 21K crore
Loss to RBI= 5K crore"A Genius calculating benefits of #DeMonetisation".(2017) pic.twitter.com/cfygcyfOpG
— History of India (@RealHistoryPic) August 30, 2017
Figures reveal a non-secret, that as economic measure #Demonetisation was a disaster. By hiding info for so long RBI further harmed its name
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) August 30, 2017