आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि वह हरियाणा सरकार पर यमुना में “जहर मिलाने” का आरोप लगाने को लेकर उन्हें नोटिस भेजकर राजनीति कर रहे हैं।
केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आरोप लगाया कि कुमार ने निर्वाचन आयोग (ईसी) की विश्वसनीयता “नष्ट” कर दी है और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद पाने की इच्छा है।
उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग को राजीव कुमार जितना नुकसान किसी ने नहीं पहुंचाया है। अगर वह चाहें तो दिल्ली की किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, “मैं जब तक जिंदा हूं, दिल्ली के लोगों को जहरीला पानी नहीं पीने दूंगा। मुझे पता है कि वे मुझे दो दिन में गिरफ्तार कर लेंगे, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।”
केजरीवाल की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब निर्वाचन आयोग ने उसके नोटिस पर ‘आप’ प्रमुख के जवाब पर असंतोष जाहिर करने के साथ ही उन्हें हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण देने का एक और मौका प्रदान किया है।
सीईसी पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा, “अगर राजनीति करनी है, तो चुनाव लड़िए। वह सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद पाने की चाह रखते हैं। राजीव कुमार ने निर्वाचन आयोग को जितना नुकसान पहुंचाया है, उतना किसी ने नहीं पहुंचाया।”
अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला बोलते हुए ‘आप’ प्रमुख ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मिल गए हैं और दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने समान राय जाहिर करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यमुना का पानी सात पीपीएम अमोनिया के स्तर को छू गया, जो मानव शरीर के लिए जहरीला है, उस पानी को हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्लीवासियों को भेज रही थी। आम आदमी पार्टी आवाज उठाएगी, तो आप उसके खिलाफ मुकदमा कर देंगे।”
उन्होंने लिखा, “दिल्ली की जनता की सुरक्षा के लिए हमें जेल जाना मंजूर है, लेकिन हम जनता की जान से समझौता नहीं करेंगे! भाजपा और कांग्रेस के जो नेता दिल्ली की जनता के रहनुमा बनने का नाटक रच रहे हैं, वे सात पीपीएम अमोनिया वाला जहरीला पानी पीकर दिखाएं। हम बोतल आपके घरों तक भेज रहे हैं। सारे मीडिया के सामने इस पानी को पीकर दिखाएं, नहीं तो माफी मांगें।”
केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग के नोटिस का बुधवार को जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि हरियाणा से हाल के दिनों में प्राप्त पानी मानव स्वास्थ्य के लिए “अत्यधिक दूषित और बेहद जहरीला” है।
निर्वाचन आयोग को दिए गए 14 पन्नों के जवाब में ‘आप’ प्रमुख ने कहा था कि अगर लोगों को इस तरह का “जहरीला पानी” पीने दिया गया, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरा पैदा होगा और कई जानें जाएंगी।
निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को लिखे अपने पत्र में कहा कि केजरीवाल के जवाब में मूल मुद्दे के बारे में “कुछ भी नहीं कहा गया है।” आयोग ने ‘आप’ प्रमुख से 31 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे तक मामले में और स्पष्टीकरण देने को कहा। उसने चेताया कि ऐसा न करने पर आयोग मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।
केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर निशाना साधते हुए कहा कि सैनी “अपने ही नाटक में फंस गए हैं” और वह पल्ला की अपनी यात्रा के दौरान एक घूंट पानी भी नहीं पी सके। उन्होंने कहा, “फिर भी वह चाहते हैं कि दिल्ली के लोग इस जहरीले पानी का सेवन करें।”
‘आप’ प्रमुख ने आरोप लगाया, “पिछले कई दिनों से हरियाणा से यमुना में बेहद खतरनाक स्तर के अमोनिया वाला पानी बह रहा है। जब मुख्यमंत्री आतिशी ने हरियाणा के अपने समकक्ष को फोन करके इस जहरीले पानी का प्रवाह रोकने का आग्रह किया, तो उन्होंने कुछ नहीं किया।”
उन्होंने कहा, “हमारे सांसद संजय सिंह अन्य ‘आप’ नेताओं के साथ इस पानी से भरी बोतलों को लेकर भाजपा मुख्यालय जाएंगे। अगर अमित शाह, नायब सैनी, वीरेंद्र सचदेवा और राहुल गांधी, जिन्होंने दिल्ली के लोगों को जहरीला पानी पिलाने की साजिश रची है, इसे पी सकते हैं, तो हम अपनी गलती स्वीकार कर लेंगे।”
यह विवाद इस हफ्ते तब शुरू हुआ, जब केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी “जहर मिलाने” का आरोप लगाया। भाजपा ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए उनके बयान को “खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया था।