आज का दिन यानी 14 अगस्त क्रिकेट की दुनिया के लिए ऐतिहासिक है। आज भारत ने श्रीलंका को उसी की धरती पर 3-0 से हराकर इतिहास रच दिया है।
इसके साथ ही भारत ने अपने टेस्ट मैचों के 85 साल के इतिहास में पहली बार विराट कोहली की कप्तानी में विदेशी धरती पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप करते हुए श्रीलंका को हरा दिया है। आज से पहले भी 14 अगस्त का दिन विश्व क्रिकेट में बेहद अहम रहा है। ये दिन दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमेन और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट करियर से जुड़ा है।
100 का औसत हासिल करने से चूक
पहले बात करते हैं सर डॉन ब्रैडमैन की जिन्होंने सन् 1948 में आज ही के दिन ओवल में अपना आखिरी टेस्ट खेला था। ब्रैडमैन जब अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने लंदन के ओवल मैदान पर उतरे थे तो उन्हें टेस्ट मैच में अपने टेस्ट करियर का औसत 100 पूरा करने के लिए सिर्फ 4 रन की जरुरत थी। लेकिन डॉन ब्रैडमैन इंग्लैंड के खिलाड़ी एरिक होलिस की गेंद पर 0 पर बोल्ड हो गए। इस तरह वे टेस्ट में बल्लेबाजी का 100 का औसत हासिल करने से भी चूक गए। ब्रैडमैन यदि चार रन भी बना लेते तो यह उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के एकमात्र क्रिकेटर बन जाते। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने ये मैच आसानी से जी लिया था। लेकिन ब्रैडमेन का करियर 99.94 की औसत के साथ खत्म हो गया। उन्होंने कुल 52 टेस्ट में 99.94 की औसत से 6996 रन बनाए हैं। उनके नाम 29 शतक, 13 अर्धशतक दर्ज हैं। 12 बार उन्होंने दोहरा शतक बनाया है।
17 साल की उम्र में पहला शतक
डॉन ब्रैडमैन के बाद अब बात करते हैं सचिन तेंदुलकर की जिन्होंने ने महज 17 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था। यह शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में मैनचेस्टर में लगाया था। यह सचिन का नौवां टेस्ट मैच था और इसमें उन्होंने नाबाद 119 रन बनाए थे। उस समय सचिन टेस्ट में 17 साल और 107 दिन की उम्र में शतक जमाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बने थे। भारत की तरफ से अब तक 289 क्रिकेटर टेस्ट मैच खेल चुके हैं लेकिन कोई भी 20 साल से कम उम्र में टेस्ट शतक नहीं बना पाया है।
गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं। तेंदुलकर ने टेस्ट मैच में 51 और वनडे में 49 शतक लगाए हैं।