क्रिकेट खेल की दुनिया का ऐसा खेल है जो अनिश्चिताओं का खेल माना जाता है। इस खेल में कब क्या हो जाए कुछ कह नहीं सकते। क्रिकेट की दुनिया में कई अजीबोगरीब घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसी कड़ी में एक दुर्लभ वाकया तब जुड़ गया, जब एक टीम के सभी खिलाड़ी बिना कोई रन बनाए आउट हो गए। ऐसा ही एक वाकया मुंबई के प्रतिष्ठित स्कूल टूर्नामेंट हैरिस शील्ड के पहले राउंड के नॉक आउट मैच में देखने को मिला। ऐसी घटना जिसे चिल्ड्रन वेलफेयर स्कूल जल्द से जल्द भूलना चाहेगा। अंधेरी का यह स्कूल बोरीवली के स्वामी विवेकानंद इंटरनैशनल स्कूल के खिलाफ मैच तो हारा लेकिन उसमें अजब बात यह रही कि उसके सारे बल्लेबाज जीरो पर आउट हो गए। जी हां, उसका कोई भी बैट्समैन खाता तक नहीं खोल पाया।
छह वाइड और एक बाई से बने सात रन
यह तो शुक्र मनाइए कि विपक्षी टीम के गेंदबाजों ने सात अतिरिक्त रन (छह वाइड और एक बाई) रन दे दिया, यदि ऐसा नहीं होता तो स्कोरबोर्ड पर कोई रन भी नहीं होता। चिल्ड्रन वेलफेयर की पूरी टीम सिर्फ छह ओवरों में ही ऑल आउट हो गई। विवेकानंद इंटरनैशनल स्कूल की ओर से मीडियम पेसर अलोक पाल ने तीन ओवरों में तीन रन देकर छह विकेट लिए। कप्तान वरोद वाजे ने तीन रन देकर दो विकेट लिए। बाकी दो बल्लेबाज रन आउट हुए।
इंटरस्कूल टूर्नामेंट मे शायद सबसे बड़ी हार
इस शर्मनाक प्रदर्शन के चलते चिल्ड्रन वेल्यफेयर की टीम यह मैच 754 रनों के विशाल अंतर से हार गई। यह परंपरागत इंटरस्कूल टूर्नामेंट मे शायद सबसे बड़ी हार होगी। आजाद मैदान के न्यू एरा ग्राउंड पर पहले बल्लेबाजी करते हुए विवेकानंद स्कूल ने मीत मायेकर के तिहरे शतक (338 रन नाबाद, 134 बॉल, 56 चौके और सात छक्के) की मदद से 39 ओवरों में 761 रन बनाए।
रोहित शर्मा रहे हैं इस स्कूल के पूर्व छात्र
इस स्कोर में 156 रनों की पेनाल्टी भी शामिल है चूंकि चिल्ड्रन वेलफेयर के बोलर निर्धारित तीन घंटे के टाइम में 45 ओवर पूरे नहीं फेंक पाए थे। उन्होंने छह ओवर कम फेंके। कृष्णा पार्ते (95) और ईशान रॉय (67) रन बनाए। इस जीत से स्वामी विवेकानंद इंटरनैशनल स्कूल के कोच महेश लोतीकर बहुत खुश नजर आए। कमाल की बात तो यह है कि टीम के कप्तान आयुष जेथवा और दो अन्य खिलाड़ी मुंबई अंडर-16 कैंप में होने के चलते इस मैच में नहीं खेले थे। स्कूल के पूर्व छात्र रहे भारतीय टीम के सुपरस्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा भी अगर स्कोरकार्ड देखेंगे तो काफी खुश होंगे। बुधवार वाकई स्वामी विवेकानंद स्कूल के लिए परफेक्ट रहा।