रोहित शर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के शुरुआती दिन बुधवार को नाबाद 115 रन की पारी खेलने के बाद कहा कि उनके खेलने का तरीका सलामी बल्लेबाजी के अनुरुप है और वह इस जिम्मेदारी के लिए मानसिक रूप से तैयार थे। रोहित की नाबाद शतकीय पारी और मयंक अग्रवाल के साथ पहले विकेट के लिए 202 रन की अटूट साझेदारी के दम पर बारिश के कारण पहले दिन का खेल रोके जाने तक भारत ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
पिछले दो वर्षों से इसके लिए तैयार था
रोहित से जब इस टूर्नामेंट के लिए मानसिक तैयारी के बारे में पूछा गया तो एकदिवसीय टीम के इस उपकप्तान ने कहा कि इस (उनके पारी के आगाज करने के) बारे में लंबे समय से विचार हो रहा था। वेस्टइंडीज दौरे पर उन्होंने मुझे साफ तौर पर कहा था कि ऐसा होने वाला है। मैं पिछले दो वर्षों से इसके लिए तैयार था। मुझे इस बात का अहसास था कि मैं पारी का आगाज कर सकता हूं और मैं इसके लिए तैयार था।
टेस्ट में खेलना पूरी तरह से भिन्न होता है
रोहित वेस्टइंडीज दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा थे लेकिन मध्यक्रम में अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी के शानदार लय में होने से वह अंतिम 11 में जगह नहीं बना पाए। टेस्ट क्रिकेट में चौथा शतक लगाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा कि जाहिर है टेस्ट मैच में पारी का आगाज करना पूरी तरह से भिन्न होता है। आपको इसके लिए नई गेंद का सामना करने के लिए मानसिक रूप से ज्यादा तैयारी करनी होती है और खेल को आगे ले जाना होता है। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा में मेरे दिमाग में ये बातें थी कि इस पारी को किस तरह से आगे बढ़ाना है। मुझे इस पर कोई संदेह नहीं था।
पारी का आगाज करना मेरे खेल के अनुकूल
एकदिवसीय क्रिकेट में भी रोहित पहले मध्यक्रम में खेलते थे लेकिन सलामी बल्लेबाजी में सफलता से वह इस खेल के बड़े खिलाड़ी बन गए। रोहित ने कहा मुझे लगता है यह (पारी का आगाज करना) मेरे खेल के अनुकूल है, पैड पहनो और बल्लेबाजी करने उतरो। जब मैं पांचवें या छठे क्रम पर बल्लेबाजी करता हूं तो मुझे इंतजार करना होता है। मैं यह नहीं कहूंगा कि वह मेरे खेल के मुताबिक नहीं है। लेकिन यहां दिमाग तरोताजा रहता है, हमें पता रहता है कि नई गेंद का सामना करना पड़ेगा। आपको गेंदबाजों के बारे में पता होता है, क्षेत्ररक्षकों के बारे में पता रहता है। ऐसे में आपकी योजना थोड़ी आसान हो जाती है।
सीमित ओवरों के क्रिकेट में 10,000 से अधिक बनाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा कि छठे नंबर पर जब आप बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं तो गेंद रिवर्स स्विंग होती है, क्षेत्ररक्षकों का जमावड़ा अलग तरीके का होता है और आपको यह सब दिमाग में रखना होता है। पैड पहन कर इंतजार करने से बल्लेबाजी के लिए उतरना मेरे अनुकूल है।
मैं वर्तमान में रहना पसंद करता हूं
टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज करना चुनौतीपूर्ण माना जाता है और रोहित से जब पूछा गया कि उन्होंने इसके लिए हामी कैसे भरी तो उन्होंने कहा कि जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं तो आप मौके की तलाश में होते है। मेरे लिए यह शानदार मौका है। हां आगे काफी चुनौतियां होंगी लेकिन मेरा ध्यान उस पर नहीं है। मैं वर्तमान में रहना पसंद करता हूं।
रोहित की पिच पर मौजूदगी से बल्लेबाजी आसान लग रही थी लेकिन वर्नोन फिलैंडर ने उन्हें शुरुआती स्पैल में परेशान किया। इसी गेंदबाज ने अभ्यास मैच में रोहित को खाता खोले बिना आउट किया था। रोहित ने कहा कि लाल गेंद ज्यादा समय तक स्विंग होती है और इससे बल्लेबाजों को खतरा रहता है। किसी भी परिस्थिति में शुरुआत के कुछ ओवरों में गेंदबाजी का सामना करना मुश्किल होता है। मैं गेंद को शरीर के करीब खेलने और विकेटकीपर के लिए छोड़ने पर ध्यान दे रहा था।