आईसीसी ने लार्ड्स में क्रिकेट समिति की चर्चा की विस्तृत जानकारी देते हुए विज्ञप्ति में कहा, एमसीसी ने बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने के लिए किए जाने वाले बदलावों के संबंध में समिति से सुझाव देने के लिये कहा था। समिति को एमसीसी से एक शोध पत्र मिला जिसमें वैज्ञानिक तथ्यों और आंकड़ों के जरिये दिखाया गया है कि हाल के वर्षों में बल्ले अधिक मजबूत बन गए हैं और इसका प्रमुख कारण स्वीट स्पॉट का अधिक बड़ा होना है। इसमें कहा गया है, समिति का मानना है कि एमसीसी को बल्ले और गेंद के बीच बेहतर संतुलन हासिल करने के लिए क्रिकेट के बल्लों के आकार की सीमा तय करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
समिति में राहुल द्रविड़, माहेला जयवर्धने, एंड्रयू स्ट्रॉस जैसे पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तान भी शामिल हैं जिन्होंने इस पर भी चिंता जताई कि अधिकतर बल्लेबाज ब्रिटिश सुरक्षा मानक (बीएसएस) के अनुरूप हेलमेटों का उपयोग नहीं कर रहे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है, आईसीसी के चिकित्सा सलाहकार डा. क्रेग रैनसन के चोट को लेकर सतर्कता बरतने के प्रति रुझान को लेकर प्रस्तुति दी जिसके बाद समिति ने हेलमेट संबंधी सुरक्षा मसले पर विचार किया। समिति ने इस पर चिंता जतायी कि अब भी कई अवसरों पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हेलमेट का उपयोग करते हैं जो ब्रिटिश सुरक्षा मानक (बीएसएस) की शर्तों को पूरी नहीं करते हैं। उसने सिफारिश की कि आईसीसी को सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों पर बीएसएस वाले नए हेलमेट पहनने को बाध्य करना चाहिए। समिति ने क्रिकेट आस्ट्रेलिया के प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खिलाड़ी के सिर में चोट लगने पर उसकी जगह किसी अन्य खिलाड़ी को रखने के प्रस्ताव पर विचार किया। इसमें कहा गया है, समिति ने क्रिकेट में खिलाडि़यों पर चोट लगने से बेहोशी छाने की गंभीरता को स्वीकार किया और इस संबंध में एक नीति लागू करने पर जोर दिया लेकिन उसका विचार था कि वर्तमान नियम और खेल की परिस्थितियां खिलाडि़यों को सर्वश्रेष्ठ संभावित चिकित्सा उपचार मुहैया कराने की अनुमति देते हैं और इस संबंध में नियमों में आगे बदलावों की अभी जरूरत नहीं है। अवैध गेंदबाजी एक्शन को लेकर किये गये कार्यों के लिये समिति ने सदस्य देशों की भी तारीफ की।