मिशेल जॉनसन, जेम्स फॉकनर और मिशेल स्टार्क ने न्यूजीलैंड की पारी की कमर तोड़कर उसकी पूरी टीम को 45 ओवरों में 183 रन पर ढेर कर दिया। विश्व कप 1983 में भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ फाइनल में इसी स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया था लेकिन न्यूजीलैंड इतिहास नहीं दोहरा पाया। आस्ट्रेलिया 33 .। ओवर में तीन विकेट पर 186 रन बनाकर अपनी सरजमीं पर चैंपियन बनने वाला दूसरा देश बना।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 1987, 1999, 2003 और 2007 में विश्व कप जीता था। क्लार्क ने इस तरह से एक चैंपियन के रूप में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह फाइनल के बाद क्रिकेट के इस प्रारूप से संन्यास ले लेंगे। ऑस्ट्रेलिया को चमचमाती ट्रॉफी के अलावा 39 लाख 75 हजार डॉलर का चेक मिला जबकि न्यूजीलैंड को 17 लाख 50 हजार डालर से ही संतोष करना पड़ा।
ऑस्ट्रेलिया की जीत की इबारत बायें हाथ के उसके तीन तेज गेंदबाजों जानसन (30 रन देकर तीन विकेट), फाकनर (36 रन देकर तीन विकेट) और स्टार्क ने ( 20 रन देकर दो विकेट ) ने लिख दी थी। बाद में क्लार्क (74), स्टीवन स्मिथ ( नाबाद 56 ) और डेविड वार्नर ( 45 ) ने ऑस्ट्रेलिया को आसानी से लक्ष्य तक पहुंचाकर फिर से फाइनल की पटकथा में रोमांच शब्द नहीं जुड़ने दिया।
न्यूजीलैंड के लिये सेमीफाइनल के नायक ग्रांट इलियट ने 82 गेंदों पर 83 रन की पारी खेली लेकिन आखिर में विकेटों के तेजी से पतन के कारण उसका सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने का सपना पूरा नहीं हो पाया। कीवी टीम ने आखिरी सात विकेट दस ओवरों में 33 रन के अंदर गंवाये।