सोनोवाल से पूछा गया कि क्या बीसीसीआई को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत लाया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट कर दूं। मैं बार बार बोल चुका हूं कि उच्चतम न्यालाय के अनुसार बीसीसीआई सार्वजनिक संस्था है। उन्होंने कोपेनहेगेन में विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले भारतीय तीरंदाजों के सम्मान समारोह के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘अब देश के खेल प्रेमियों की उम्मीदें है कि सभी खेल महासंघों के दैनिक कार्य के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए।’
बीसीसीआई लंबे समय से यह कहता रहा है कि वह निजी संस्था हैं क्योंकि वह सरकार से किसी तरह का पैसा नहीं लेता है। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया कि बीसीसीआई सार्वजनिक संस्था है और इसकी कार्रवाई की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है। इससे सरकार को इस क्रिकेट संस्था को आरटीआई अधिनियम के तहत लाने का नया अस्त्र मिल गया है।
इस बीच खेल मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार अगले साल होने वाले रियो ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाडि़यों को पूरी मदद देगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय तीरंदाज रियो खेलों में पदक जीतने में सफल रहेंगे। उन्होंने कहा, हमारी निगाह अब सबसे बड़ी प्रतियोगिता (ओलंपिक) पर टिकी है। हमें उम्मीद है कि इस बार हमें तीरंदाजी से भी कुछ पदक मिलेंगे। जिन्होंने भी ओलंपिक के लि, क्वालीफाई किया है उनके लिये यह गौरवशाली क्षण है। मेरा मंत्रालय उन्हें मदद करने के लिये हमेशा तैयार है। भारत के चार तीरंदाजों ने अपनी-अपनी स्पर्धाओं में शीर्ष आठ में रहकर रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है।
दीपिका कुमारी, लक्ष्मीरानी मांझी और रिमिल बुरूली की महिला रिकर्व टीम ने विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर कोटा स्थान हासिल किया। एक अन्य भारतीय तीरंदाज मंगल सिंह चम्पिया ने पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व प्रतियोगिता से ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।