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कोच्चि टस्कर्स को 550 करोड़ देने से पहले अपील करेगा बीसीसीआई

बीसीसीआई ने बुधवार को संकेत दिया कि वह पूर्व आईपीएल टीम कोच्चि टस्कर्स के पक्ष में दी गई पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर. सी. लाहोटी की रिपोर्ट के खिलाफ अपील करेगा। बोर्ड ने कथित तौर पर अनुबंध के उल्लंघन के आरोप में कोच्चि टस्कर्स का करार 2011 में भंग कर दिया था।
कोच्चि टस्कर्स को 550 करोड़ देने से पहले अपील करेगा बीसीसीआई

आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने यहां संचालन परिषद की बैठक के बाद  कहा, ‘हमें लाहोटी की रिपोर्ट मिल गई है। अधिकांश सदस्यों का मानना है कि इसके खिलाफ अपील की जानी चाहिए। हम कानूनी सलाह ले रहे हैं।’ बीसीसीआई को आईपीएल टीम कोच्चि टस्कर्स को 550 करोड़ रुपये देने के निर्देश दिए गए हैं चूंकि पंचाट का फैसला उसके पक्ष में है। समझा जाता है कि कोच्चि टीम की पैसे में दिलचस्पी नहीं है और वह आईपीएल के अगले सत्र में टीम उतारना चाहती है।

बीसीसीआई ने 2011 में कोच्चि टस्कर्स का करार रद्द करके उसकी बैंक गारंटी भुना ली थी। इसके बाद मामला मध्यस्थता के लिए लाहोटी के पास गया। जहां तक चेन्नई सुपरकिंग्स के मूल्यांकन को लेकर विवाद का सवाल है, यह मसला बोर्ड की कार्यसमिति के सुपुर्द कर दिया गया है। शुक्ला ने कहा , ‘चेन्नई सुपरकिंग्स के मूल्यांकन का मसला बोर्ड की कार्यसमिति के सुपुर्द कर दिया गया है। कोलकाता में कार्यसमिति की पिछली बैठक में समिति ने कानूनी सलाह मांगी थी। कार्यसमिति कानूनी सलाह लेने के बाद मामला संचालन परिषद को सौपेगी जिसके बाद आगे फैसला किया जाएगा।’

चैंपियंस टी20 लीग पर कोई फैसला नहीं लिया गया है क्योंकि यह सीएसए और सीए की मौजूदगी में ही लिया जा सकता है। उन्होंने कहा , चैंपियंस लीग खत्म करने पर फैसला नहीं लिया गया है। चैंपियंस टी20 लीग पर फैसला लीग की संचालन परिषद ही ले सकती है जिसमें सीएसए और सीए भी शामिल हैं। चैम्पियंस लीग हर साल सितंबर में होती है लेकिन प्रायोजन और दर्शकों के मामले में इसे लेकर कोई उत्साह नहीं है।

रायल चैलेंजर्स को जेएसडब्ल्यू समूह द्वारा खरीदे जाने पर शुक्ला ने कहा कि यह मसला संचालन परिषद के सामने मंजूरी के लिये रखा जाएगा। उन्होंने कहा , इस तरह की खरीद या हिस्सेदारी खरीदने के मसले को पहले मंजूरी के लिये संचालन परिषद के समक्ष रखा जाता है। उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा।

खिलाडि़यों को बरकरार रखने की नीति के बारे में उन्होंने कहा , ‘संचालन परिषद का मानना है कि 2017 से भारतीय अंतरराष्ट्रीय खिलाडि़यों की संख्या हर टीम में चार से घटकर दो रह जाएगी और विदेशी खिलाडि़यों की संख्या दो होगी। इनके अलावा तीन ऐसे खिलाड़ी होंगे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेली है लेकिन कुल चार से अधिक नहीं होगी।

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