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हितों का टकराव: सचिन, कुंबले और द्रविड़ पर भी गाज संभव

अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वी. वी. एस. लक्ष्मण जैसे पूर्व दिग्‍गज खिलाडिय़ों पर भी हितों के टकराव की गाज गिर सकती है क्‍योंकि ये सभी पूर्व खिलाड़ी किसी-न-किसी रूप में आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों के अनुबंध से जुड़े हैं या फिर कंपनियों के साथ इनका करार है। इस वजह से उनकी बीसीसीआई से जुड़ी जिम्‍मेदारियां प्रभावित हो सकती हैं।
हितों का टकराव: सचिन, कुंबले और द्रविड़ पर भी गाज संभव


भारतीय क्रिकेट में हितों के टकराव जैसे विववादास्पद मुद्दे पर अंतिम मुहर लगाने के लिए भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने सभी क्रिकेट संगठनों को इस करार पर हस्ताक्षर करने के पत्र भेज दिए हैं लेकिन अब बोर्ड सभी खिलाडिय़ों  से भी इस पर हस्ताक्षर कराना चाहता है। बोर्ड ने इसके लिए रविवार को खिलाडिय़ों को मान्यता देने वाली एक प्रणाली भी विकसित कर ली है।
हालांकि संगठनों को इस करार के अधीन लाना आसान हो सकता है लेकिन कई ऐसे पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के लिए यह करार करना मुश्किल हो सकता है जो बीसीसीआई के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। अगर रोजर बिन्नी की ही बात करें तो राष्ट्रीय चयनकर्ता के तौर पर उनका तीन वर्षों का करार खतरे में पड़ सकता है क्‍योंकि उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी को टेस्ट खिलाड़ी का दर्जा उन्हीं के कार्यकाल में मिला है। इसी तरह अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वी. वी. एस. लक्ष्मण जैसे पूर्व दिज्गज खिलाडिय़ों पर भी हितों के टकराव की गाज गिर सकती है क्‍योंकि ये सभी पूर्व खिलाड़ी किसी-न-किसी रूप में आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों के अनुबंध से जुड़े हैं या फिर कंपनियों के साथ इनका करार है। इस वजह से उनकी बीसीसीआई से जुड़ी जिक्वमेदारियां प्रभावित हो सकती हैं।
बीसीसीआई ने क्रिकेट संगठनों से जुड़े सदस्यों को खेल के व्यावसायिक हितों से दूर रखने का फैसला न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की रिपोर्ट आने के बाद किया है जिसमें इस संस्था में संगठनात्मक सुधार की बात की गई है। फिलहाल ऐसे कुछ अधिकारी या खिलाड़ी बीसीसीआई में मौजूद हैं जो खेल से जुड़ी अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में भी दखल रखते हैं:
अनिल कुंबले: बीसीसीआई की तकनीकी समिति के अध्यक्ष हैं जबकि मुंबई इंडियंस के मेंटॉर तथा खेल प्रशिक्षण तथा कंसल्टिंग कारोबार से जुड़ी कंपनी टेनविक के संस्थापक भी हैं।
सचिन तेंदुलकर: बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य और मुंबई इंडियंस के मेंटॉर हैं।
राहुल द्रविड़: भारतीय अंडर-19 टीम के कोच और राजस्थान रॉयल्स के मेंटॉर।
वीवीएस लक्ष्मण: बीसीसीआई क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य और सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर।
सौरव गांगुली: बीसीसीआई क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य और टीवी कमेंटेटर। उनका पिछला कमेंटरी करार विश्व कप-2015 के साथ हुआ था।
रवि शास्त्री: भारतीय क्रिकेट टीम के डायरेञ्चटर और बीसीसीआई के साथ कमेंटेटर के लिए भी करार। पिछला अनुबंध उन्होंने ऐशेज शृंखला के लिए किया था। वह आईपीएल संचालन परिषद के भी सदस्य हैं।
सुनील गावस्कर: बीसीसीआई के साथ कमेंटरी करने के लिए करार। वह प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप भी चलाते हैं जो एक स्पोट्र्स मार्केटिंग एजेंसी है। इसके साथ मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान के सहित कई सारे क्रिकेटरों का भी करार है।
ब्रजेश पटेल: बीसीसीआई की नई क्षेत्रीय विकास समिति के अध्यक्ष एवं कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के सचिव। वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरू के प्रमुख भी हैं।
इस बारे में पटेल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पूर्व और मौजूदा क्रिकेटर अपनी पेशेवर क्षमता के अनुसार इस खेल से जुड़े रह सकते हैं। लिहाजा उनके लिए अलग कानून होने चाहिए। इस पूरे मसले पर बोर्ड की आम बैठक में चर्चा होनी चाहिए। मैं रॉयल चैलेंजर्स के साथ जरूर जुड़ा हूं लेकिन सचिन और अनिल कुंबले भी तो मुंबई इंडियंस के साथ जुड़े हैं।’

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