टीम इंडिया के प्रमुख कोच रवि शास्त्री अपने जमाने के बेहतरीन बाएं हाथ के स्पिनर थे। उन्होंने टेस्ट में 151 और वनडे में 129 विकेट चटकाए। यह कहना गलत नहीं होगा कि शास्त्री ने अपनी उंगलियों पर विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों को नचाया है। महेंद्र सिंह धोनी ने शुक्रवार को स्पिनर्स का सामना करने के लिए हेड कोच की मदद ली। धोनी ने शुक्रवार को काफी देर अभ्यास किया और उसके बाद उन्होंने हेड कोच रवि शास्त्री से काफी देर बातचीत की।
स्पिनर्स के बारे में समझ रहे थे धोनी
धोनी ने शास्त्री से स्पिनर्स का सामना करने के बारे में बातचीत की। शास्त्री को अपनी कलाई घुमाते हुए देखा गया, जो धोनी को समझा रहे थे कि स्पिनर्स हवा में गेंद भेजकर क्या करामात कर सकते हैं। शास्त्री जहां अपनी उंगली और कलाई घुमाकर स्पिनर्स के बारे में समझा रहे थे, वहीं धोनी पूर्व ऑलराउंडर को बड़े ध्यान से सुन रहे थे। दोनों के बीच करीब 20 मिनट बातचीत हुई और इसके बाद धोनी पिच का मुआयना देखने चले गए थे जबकि शास्त्री ड्रेसिंग रूम की तरफ चले गए।
सचिन तेंडुलकर ने भी उठाए थे सवाल
सचिन तेंडुलकर ने हाल ही में धोनी के संघर्ष पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था कि धीमी गति के गेंदबाजों को खेलने में उन्हें तकलीफ हो रही है। सचिन ने अफगानिस्तान के खिलाफ धोनी के प्रदर्शन पर सवाल भी खड़े किए थे। तेंडुलकर ने कहा था कि धोनी वरिष्ठ खिलाड़ी हैं और उन्हें सकारात्मक इरादा दिखाने की जरूरत थी। अफगानिस्तान की गेंदबाजी अच्छी थी, लेकिन आप 34 ओवर में 119 रन नहीं बना सकते। धोनी ने अफगानिस्तान के खिलाफ कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दर्शायी। धोनी में बड़े शॉट खेलने की क्षमता है, लेकिन उन्हें स्ट्राइक रोटेट करने में परेशानी हो रही थी। उन्होंने कई खाली गेंद खेली और इससे भारत अच्छी तरह पारी का अंत नहीं कर सका। मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज का इरादा साफ होना चाहिए।
बड़े मैचों में अपने विकेट को बचाते हैं
पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने हाल ही में एक आंकड़ा बताया था कि धोनी को स्पिनर्स के खिलाफ दिक्कत हो रही है। ट्विटर पर मांजरेकर ने लिखा कि धोनी के बारे में एक रोचक तथ्य- इस विश्व कप में स्पिन के खिलाफ 87 गेंदों में 41 रन। मगर अभ्यास मैचों में स्पिन के खिलाफ 56 गेंदों में 69 रन। यह मुझे बताता है कि मानसिकता का खेल है। वह बड़े मैचों में अपना विकेट लाइन पर नहीं डालते।
मांजरेकर ने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि भारतीय टीम को धोनी के अलावा किसी और खिलाड़ी पर मैच जिताने के लिए ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम को मैच जीतने के लिए सिर्फ धोनी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। मुझे उस धोनी से प्यार है, जैसी उन्होंने अभ्यास मैचों में बल्लेबाजी की थी। जहां वह 30 गेंदों में 30 रन बनाने के बाद अचानक अंत में तेजी से खेलते हैं।