रविवार को लॉर्ड्स के मैदान में खेले गए वर्ल्ड कप के सबसे रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड की टीम ने नियमों के आधार पर जीत दर्ज की, जिसके बाद इस फैसले को लेकर एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। पूर्व अंतरराष्ट्रीय व आईसीसी के बेस्ट अंपायर रहे साइमन टॉफेल ने सोमवार को कहा कि विश्व कप फाइनल में खड़े अंपायरों ने ओवरथ्रो के लिए इंग्लैंड को पांच के बजाय छह रन देने के मामले में एक गलत फैसला लिया साथ ही उसे एक भारी भूल भी बताया। इस मैच के बाद क्रिकेट के कई दिग्गजों ने भी आईसीसी के इस नियम पर सवाल उठाए थे।
इस निर्णय को बताया एक स्पष्ट गलती
पांच बार आईसीसी अंपायर ऑफ द ईयर साइमन टॉफेल ने फॉक्सस्पोटर्स.कॉम.एयू से बात करते हुए बताया कि यह एक स्पष्ट गलती है, यह निर्णय की त्रुटि है। उन्हें (इंग्लैंड) को पांच रन से सम्मानित किया जाना चाहिए था न कि छह रनों से। अनुभवी अंपायर ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि थ्रो फेंकने से पहले दोनों खिलाड़ियों को रन लेते समय क्रॉस कर लेना चाहिए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं था और फील्ड अंपायर्स ने ध्यान नहीं दिया। इसी का हर्जाना कीवी टीम को भुगतना पड़ा और मुकाबला टाई पर खत्म हुआ। पूर्व-ऑस्ट्रेलियाई अंपायर टॉफेल, अब एमसीसी की उप-समिति का एक हिस्सा है, जो क्रिकेट को नियंत्रित करने वाले नियमों को बनाता है।
आईसीसी ने किया टिप्पणी करने से इनकार
हालांकि आईसीसी के एक प्रवक्ता ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि अंपायर नियमों की व्याख्या के साथ खेल के क्षेत्र में फैसले लेते हैं और हम नीति के विषय के रूप में किसी भी फैसले पर टिप्पणी नहीं करते हैं। आइए जानते हैं क्या कहता है आईसीसी का नियम।
यह है नियम
क्रिकेट के 19.8 नियम के मुताबिक अगर गेंद ओवरथ्रो पर बाउंड्री के पार चली जाए (चाहे वह गैरइरादतन बल्ले से ही क्यों न लगी हो) तो ओवरथ्रो से पहले लिए गए रनों में बाउंड्री के चार रन जुड़ जाएंगे। अगर ओवर थ्रो या फिर फील्डर के जानबूझ कर किए गए एक्ट से गेंद बाउंड्री पार कर जाती है तो इसका फायदा दूसरी टीम को मिलता है। रन लेते समय रन का फायदा तभी मिलता है, जब बल्लेबाज ने थ्रो से पहले रन पूरा कर लिया हो या फिर थ्रो से पहले ही दोनों बल्लेबाज क्रॉस कर जाते हैं तभी उनको इसका फायदा मिलेगा।
दोनों ने एक दूसरे को नहीं किया था क्रॉस
फाइनल के वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि मार्टिन गप्टिल ने थ्रो फेंकी, तब बेन स्टोक्स और आदिल रशीद ने दूसरे रन के लिए एक दूसरे को क्रॉस नहीं किया था। इस तरह इंग्लैंड को जहां दो रन मिले, वहां सिर्फ एक रन ही होना चाहिए था। अगर ऐसा होता तो स्ट्राइक पर स्टोक्स की जगह आदिल रशीद होते और इंग्लैंड को आखिरी दो गेंदों में चार रनों की जरुरत होती।
अधिकारियों का किया बचाव
हालांकि साइमन टॉफेल ने मैच के अधिकारियों का बचाव भी किया, उन्होने कहा कि दोनों अंपायर ने मैच के माहौल की सरगर्मी में यह सोचा होगा कि दोनों बल्लेबाजो ने थ्रो आने से पहले एक दूसरे को क्रॉस कर लिया हो। जाहिर है कि टीवी रिप्ले में अन्यथा दिखाया गया है। अंपायरों के लिए मुशकिल यह भी रही होगी कि वे बल्लेबाजों को रन पूरा करते हुए देखें या फिर फोकस बदलकर फील्डर को गेंद उठाते हुए और फेंकते हुए देखें साथ ही आपको यह भी देखना होगा कि बल्लेबाज उस सटीक समय पर कहां हैं।
उन्होने कहा कि दुर्भाग्य से समय-समय पर इस तरह की चीजें होती रहती हैं। जो खेल हम खेल रहे हैं वह इसका हिस्सा है। इस पूर्व अंपायर ने यहां कहा कि मैं यहां किसी पर दोष नहीं मढ़ना चाहता और उम्मीद करता हूं कि इस तरह की चीजें आगे कभी नहीं होंगी।
विलियम्सन ने भी बताया दुर्भाग्यपूर्ण
मैच के बाद हुई अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन ने आखिरी ओवर में बेन स्टोक्स के बैट से लगकर ओवर-थ्रो पर गए चार रन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए क्रिकेट में ऐसी घटना दोबारा नहीं होने की बात कही। उधर स्टोक्स ने भी इस घटना को लेकर कहा कि उन्हें जिंदगी भर इसका अफसोस रहेगा।