इस साल के विश्व कप में इंग्लैंड सबसे पसंदीदा टीम के रूप में प्रवेश करेगा। हालाकिं इसे 2011 और 2015 के पिछले दो विश्व कप में उनके प्रदर्शन को देखते हुए एक उल्लेखनीय बदलाव माना जा सकता है। विश्व कप 2015 के बाद से, इंग्लैंड ने 20 में से 14 द्विपक्षीय श्रृंखलाएं जीती हैं। क्रिकेट विश्व कप 2015 के बाद से इंग्लैंड के बल्लेबाजी के तरीके को पारंपरिक माना जाता था, क्योंकि इससे पहले उनके बल्लेबाज तरीके के साथ खेलते हुए बोर्ड पर बड़ा स्कोर खड़ा करने में उन्हे संघर्ष करना पड़ता था।
कोच ने बदली सोच
लेकिन जब से ट्रेवर बेलिस की मुख्य कोच के रूप में नियुक्ति हुई, इंग्लैंड ने अपनी बल्लेबाजी के दृष्टिकोण को बदल दिया है और वे मैच की पहली गेंद से ही आक्रमक क्रिकेट खेलते हैं। इंग्लैंड प्रबंधन जो पहले वनडे के लिए टेस्ट खिलाड़ियों को चुनने और वनडे के लिए सही खिलाड़ियों को नहीं चुनने का दोषी था, ने अपना दृष्टिकोण बदल दिया है और वनडे प्रारूप की तकनीक में जो माहीर है उनको चुनना भी शुरू कर दिया है।
बल्लेबाज और गेंदबाज दोनो ने दिया योगदान
जेसन रॉय, एलेक्स हेल्स, बेन स्टोक्स, जोस बटलर एकदिवसीय प्रारूप में सभी परिचित नाम हैं और खेल के लिए उनके दृष्टिकोण ने इंग्लैंड की टीम को फायदा भी पहुंचाया है। ये खिलाड़ी पहली गेंद से ही आक्रमण कर गेंदबाजों पर हावी हो जाते हैं, जिससे विरोधी दबाव में आ जाते हैं। पांच मौके आए हैं जब किसी टीम ने विश्व कप 2015 के बाद से बोर्ड पर 400 से अधिक रन बनाए हैं और उन पांच में से चार इंग्लैंड के द्वारा बनाए गए हैं।
यह पिछले साल की बात है जब इंग्लैंड ने ट्रेंट ब्रिज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 481 रनों का सर्वाधिक वनडे स्कोर बनाया था। साथ ही साथ इंग्लैंड के गेंदबाज लियाम प्लंकेट, डेविड विली, आदिल राशिद ने भी टीम के लिए गेंद के साथ खेल में काफी बदलाव किया है और टीम को सभी तरह की पिचों और परिस्थितियों में जीत दिलाई है।
कप्तान ने दी खुलकर खेलने की आजादी
कप्तान इयोन मोर्गन, जो क्रिकेट विश्व कप 2015 की हार का हिस्सा थे, जिसमें टीम को बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था, ने टीम में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा है। उन्होंने ट्रेवर बेलिस के साथ मिलकर विशेषज्ञों को चुना और उन्हें पूरी आजादी देकर टीम को समृद्ध करने मे काफी मदद भी की। कप्तान ने हमेशा खिलाड़ियों को खुद को व्यक्त करने की स्वतंत्रता देने को बढ़ावा दिया है।
मॉर्गन एकदिवसीय प्रारूप में इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं। इस आक्रमक शैली के साथ इंग्लैंड विश्व कप 2019 के लिए सबसे पसंदीदा टीम है, लेकिन टीम उछालभरी पिचों पर अभी भी अतिसंवेदनशील है, जो कि विंडीज के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला के अंतिम वनडे में स्पष्ट था। टीम को बल्लेबाजी के पतन का भी खतरा है, जिसे प्रबंधन जानता है कि उन्हें विश्व कप से पहले सुधार करने की आवश्यकता है।
बल्लेबाजी में लानी होगा निरंतरता
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में, इंग्लैंड की बल्लेबाजी पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में पूरी तरह से विफल रही थी, जिसके परिणामस्वरूप टूर्नामेंट से उनको बाहर होना पड़ा था। उन्हें एक महत्वपूर्ण टकराव में अपने पारंपरिक शैली के साथ खेलने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा था जिस कारण शायद उन्हें वो मैच खोना पड़ा था।
विश्व कप इंग्लैंड में खेला जाएगा, इसलिए घरेलू दबाव भी बहुत अधिक होगा, लेकिन टीम के पास अपने इतिहास में पहली बार विश्व कप जीतने का यह सबसे अच्छा मौका है। इंग्लैंड ने 30 मई को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना विश्व कप अभियान शुरू करेगा।