क्रिकेट में मैच फिक्सिंग भ्रष्टाचार है। क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। एक बार फिर मैच फिक्सिंग के खुलासे ने क्रिकेट जगत को हिला दिया है। एक न्यूज चैनल की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि 2011 से 2012 के बीच इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों ने सात मैचों में स्पॉट फिक्सिंग की। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पांच, पाकिस्तानी खिलाड़ी तीन और एक अन्य देश का खिलाड़ी एक मैच में स्पॉट फिक्सिंग में शामिल रहा है। यानी इस दौर में 16 मैचों में स्पॉट फिक्सिंग हुई।
अलजजीरा द्वारा जारी एक इन्वेस्टिगेटिव डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि अनील मुनव्वर नाम के एक आरोपी ने छह टेस्ट, छह एकदिवसीय और तीन वर्ल्ड टी-20 मैचों में फिक्सिंग की। इसमें 2011 में लॉर्ड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया टेस्ट मैच भी शामिल है।
आइए, क्रिकेट इतिहास में मैच फिक्सिंग से जुड़े 5 बड़े मामलों पर नजर डालते है, जिन्होंने क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी थी-
1. हैंसी क्रोनिए-अजहरुद्दीन पर आरोप, आजीवन प्रतिबंध
क्रिकेट इतिहास का यह सबसे बड़ा मैच फिक्सिंग स्कैंडल भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुई 2000 में सामने आया था। भारत की पुलिस ने खुलासा किया कि दोनों टीमों के पांच खिलाड़ी मैच फिक्स करने के लिए बुकियों के संपर्क में थे। टीम इंडिया के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए पर आरोप लगे। शुरू में क्रोनिए ने इन आरोपों से इनकार किया, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि अजहर ने उन्हें बुकी से मिलवाया था। बाद में अजहर और अजय जडेजा पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया। इस फिक्सिंग की लपेट में हर्शल गिब्स, निकी बोए समेत दक्षिण अफ्रीका के कई खिलाड़ी आए थे, लेकिन आजीवन प्रतिबंध सिर्फ क्रोनिए पर ही लगा। विलियम्स और हर्शल गिब्स पर छह माह का प्रतिबंध लगा। 2002 में क्रोनिए की एक प्लेन दुर्घटना में मौत हो गई थी।
2. शेन वॉर्न-मार्क वॉ, 8000 डॉलर का जुर्माना
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी शेन वॉर्न और मार्क वॉ पर यह आरोप लगा था कि सिंगर कप- श्रीलंका, 1994 में बुकियों को पिच की जानकारी देने के लिए बुकियों ने उन्हें पैसे दिए थे। 1995 में यह दावा किया गया था कि पाकिस्तानी बल्लेबाज सलीम मलिक ने खराब खेलने के लिए दो लाख डॉलर आफर किए थे, लेकिन इन घटनाओं को दबा दिया गया। शेन वॉर्न और मार्क वॉ पर 8000 डॉलर का जुर्माना हुआ लेकिन दुनिया को यह समझ में आ गया था कि क्रिकेट में मैच फिक्सिंग तेजी से बढ़ रही है।
3. क्रिस केर्न्स
इंडियन क्रिकेट लीग में चंडीगढ़ लॉयन्स की तरफ से खेलते हुए न्यूजीलैंड के ऑल राउंडर क्रिस केर्न्स को आईसीसी की जांच में फिक्सिंग का दोषी पाया गया था। न्यूजीलैंड के पूर्व ओपनर लुई विंसेंट ने केर्न्स पर मैच फिक्सिंग के लिए उन्हें एक बुकी से मिलवाने की बात कही। ब्रैंडन मैकुलम ने भी एंटी करप्शन और सिक्योरिटी यूनिट से केर्न्स के मैच फिक्सिंग में शामिल होने की बात कही लेकिन केर्न्स हमेशा इन आरोपों का खंडन करते रहे। केर्न्स ने ललित मोदी पर मुकदमा भी किया।
4. इंग्लैंड में स्पॉट फिक्सिंग
2010 में पाकिस्तान के इंग्लैंड दौरे पर सबसे बड़ा मैच फिक्सिंग कांड सामने आया था। इस कांड में मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और कप्तान सलमान बट स्पॉट फिक्सिंग में शामिल पाए गए थे। तीनों ने मजहर मजीन नाम के बुकी से कुछ विशेष काम करने के लिए पैसे लिए थे। एक स्टिंग ऑपरेशन में यह सामने आया कि माजिद ने आमिर और आसिफ को तय ओवरों में नो बॉल फेंकने के लिए कहा था। सलमान बट भी इस वीडियो में थे। कई सुनवाइयों के बाद 2011 में आईसीसी ने तीनों खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया।
5. आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग
2013 में आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर्स श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदौलिया को आईपीएल मैचों में स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया। उनके साथ विंदू दारा सिंह और मयप्पन पर स्पॉट फिक्सिंग के लिए बुकियों से संपर्क के आरोप लगे। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स को जांच तक निलंबित कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि श्रीसंत और चव्हाण ने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। इस कांड ने यह उजागर कर दिया कि आईपीएल में बड़े पैमाने पर मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग चल रही है।