उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में दुनिया की सबसे धनी क्रिकेट संस्था को अधिकतर सिफारिशों को मानने के निर्देश दिये हैं। इस फैसले के बाद यह पहला अवसर होगा जबकि बीसीसीआई अपनी सभी मान्यता प्राप्त इकाईयों को आगे की रणनीति से अवगत कराएगा। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश मार्कंडेय काटजू का बीसीसीआई का कानूनी सलाहकार नियुक्त किये जाने के बाद संभावना है कि बोर्ड उनकी सलाह के अनुरूप ही काम करेगा। बीसीसीआई चाहेगा तो वह न्यायमूर्ति काटजू को हमेशा विशेष आमंत्रिात सदस्य के रूप में बुला सकता है ताकि वह संबंधित इकाईयों की चिंता से सीधे अवगत हो सकें।
सूत्रों के अनुसार अधिकतर राज्य इकाईयों ने छह महीने के अंदर सुधारों को लागू करने में असमर्थता जतायी है और वास्तविक उद्देश्यों के लिये उन्हें कम से कम 12 से 18 महीने का समय चाहिए होगा। यह एक मसला है जिसका लोढ़ा पैनल को समाधान निकालना होगा। इस बैठक का इसलिए भी महत्व है क्योंकि बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के सुधारों को लागू करने के संबंध में अगले सप्ताह मंगलवार को लोढ़ा पैनल के साथ बैठक कर सकते हैं। संभावना है कि ठाकुर और शिर्के समिति को सदस्यों की चिंताओं और इकाईयों को जिन व्यावाहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ रह है उनसे अवगत कराएंगे। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद दो राज्य इकाईयों बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के चुनाव भी नहीं हो पाये। इसी तरह जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी अमान्य करार दे दिये गये क्योंकि उन्होंने फैसले के बाद चुनाव कराये थे और राज्य के मौजूदा मंत्री इमरान अंसारी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
दो कार्यकाल के बीच तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ने और नौ साल की संचित अवधि दो ऐसे मसले हैं जिन पर पिछले दिनों काफी चर्चा हुई है। फैसले के वर्तमान स्वरूप का मतलब 70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ प्रशासकों के लिये बोर्ड में बने रहने का रास्ता बंद होना हो सकता है। शरद पवार पहले ही महाराष्ट्र क्रिकेट संघ से त्यागपत्र देने का अपना इरादा जतला चुके हैं जबकि आयु को लेकर निर्देशों के कारण एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह को भी अपने संबंधित राज्य संघों के पदों से इस्तीफा देना पड़ेगा। एक व्यक्ति एक पद का मतलब है कि ठाकुर, शिर्के, संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी को एक पद छोड़ना होगा।
चयनसमिति में भी पांच के बजाय तीन सदस्य रह जाएंगे। वर्तमान चयनकर्ता गगन खोड़ा इस पद के अयोग्य हो जाएंगे क्योंकि उन्होंने केवल दो वनडे खेले हैं और कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। प्रस्तावित खिलाड़ी संघ और एक शीर्ष परिषद के गठन पर भी चर्चा की जाएगी।
एजेंसी