सरन के चार विकेट की मदद से भारत ने जिम्बाब्वे को 20 ओवर में नौ विकेट पर 99 रन पर रोक दिया। जवाब में भारत ने बिना किसी नुकसान के 13 .1 ओवर में 103 रन बनाये। केएल राहुल 40 गेंद में दो चौकों और दो छक्कों की मदद से 47 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि मनदीप सिंह ने 40 गेंद में नाबाद 52 रन बनाये जिसमें छह चौके और एक छक्का शामिल था।
आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरूआत शानदार रही। सलामी बल्लेबाजों राहुल और मनदीप को जिम्बाब्वे के गेंदबाजो को खेलने में कोई दिक्कत नहीं आई। मनदीप को 23 के स्कोर पर जीवनदान भी मिला जब चामू चिभाभा की शार्ट गेंद पर उसने डीप स्क्वेयर लेग पर शाट खेला लेकिन गेंद फील्डर से हाथ से निकलकर सीमारेखा के पार चली गई। टी20 क्रिकेट में भारत की 10 विकेट से यह पहली जीत है।
इससे पहले टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने वाली जिम्बाब्वे टीम शुरू ही से दबाव में रही और उसके विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे। भारत के लिये सरन ने चार ओवर में 10 रन देकर चार और जसप्रीत बुमरा ने 11 रन देकर तीन विकेट लिये।
सरन का यह प्रदर्शन टी20 क्रिकेट में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है जबकि भारत के लिये यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले प्रज्ञान ओझा ने 2009 टी20 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ 21 रन देकर चार विकेट लिये थे। टी20 क्रिकेट में पदार्पण के साथ सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकार्ड बांग्लादेश के इलियास सनी के नाम है जिसने 13 रन देकर पांच विकेट लिये थे। सरन और बुमरा ने मिलकर आठ ओवर में 21 रन देकर सात विकेट लिये। पहला टी20 मैच हारने वाली भारतीय टीम ने इन दोनों की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर शानदार वापसी की। रिचमंड मुतुम्बानी की जगह खेल रहे पीटर मूर ने जिम्बाब्वे के लिये सर्वाधिक 31 रन बनाये जिसमें दो चौके और एक छक्का शामिल था। वह बुमरा की गेंद पर अक्षर पटेल को कैच देकर लौटे।
भारत को पहली कामयाबी तीसरे ओवर में चामू चिभाभा (10 ) के रूप में मिली जिन्हें सरन ने पवेलियन भेजा। दो ओवर बाद हरियाणा के इस तेज गेंदबाज ने हैमिल्टन मसाकाजा (10 ) को आउट किया। इसके बाद उसने सिकंदर रजा को गली में केएल राहुल के हाथों लपकवाया। तिनोतेंडा मुतोम्बोजी अगली ही गेंद पर आउट हो गए जिससे सरन उस समय हैट्रिक पर थे। वह हालांकि हैट्रिक पूरी नहीं कर सका। निचले क्रम को बुमरा ने पवेलियन भेजा। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल और तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी को भी एक-एक विकेट मिला।