जसप्रीत बुमरा की अगुवाई में गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे को 42 . 2 ओवर में 123 रन पर आउट कर दिया था। जवाब में भारत ने 21 . 5 ओवर में बिना कोई विकेट गंवाये लक्ष्य हासिल कर लिया। हरारे में खेले गये इस मैच में राहुल 70 गेंद में चार चौकों और दो छक्कों के साथ 63 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि फजल ने 61 गेंद में 55 रन बनाये जिसमें सात चौके और एक छक्का शामिल था। भारत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ क्लीन स्वीप की हैटिक पूरी कर ली। इससे पहले 2013 में भारतीय टीम ने 5-0 से और 2015 में 3-0 से श्रृंखलायें जीती थी जिनमें कप्तान क्रमशः विराट कोहली और अंजिंक्य रहाणे थे। धोनी ने इस श्रृंखला में दो रिकार्ड बनाये। वह बतौर कप्तान 107 जीत के साथ वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों की सूची में रिकी पोंटिंग (165 ) के बाद एलन बार्डर की बराबरी पर आ गए। इसके साथ ही वह वनडे क्रिकेट में 350 शिकार करने वाले भारत के पहले विकेटकीपर बन गए।
इसके अलावा इन तीन मैचों में कुछ उल्लेखनीय नहीं रहा जिनमें सिर्फ चार बल्लेबाजों राहुल, करूण नायर, फजल (तीसरा मैच) और अंबाती रायुडू को बल्लेबाजी का अच्छा मौका मिला। धोनी समेत पूरे मध्यक्रम को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल सका क्योंकि भारतीय गेंदबाजों ने जिम्बाब्वे को बड़ा स्कोर बनाने ही नहीं दिया। इससे पहले जिम्बाब्वे ने पांच विकेट 11 गेंद और चार रन के भीतर गंवा दिये। पिछले दो एकतरफा मैचों की कहानी इस मैच में भी दोहराई गई। चार बल्लेबाज तो लगातार चार गेंदों पर आउट हो गए जिसमें एक रन आउट शामिल था।
एक समय जिम्बाब्वे का स्कोर 32 . 4 ओवर में तीन विकेट पर 104 रन था लेकिन टीम ने 34 . 3 ओवर में आठ विकेट गंवा दिये और तब उनका स्कोर 108 रन था। कोई भी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका। जिम्बाब्वे ने आखिरी आठ विकेट 34 रन के भीतर गंवा दिये जबकि एक समय स्कोर 29वें ओवर में दो विकेट पर 89 रन था।
बुमरा ने 10 ओवर में 22 रन देकर चार विकेट लिये जबकि स्पिनर युजवेंद्र चहल ने दो और अक्षर पटेल ने एक विकेट चटकाया। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे क्रिकेट में 350वां शिकार (कैच और स्टम्पिंग) करके नयी उपलब्धि हासिल कर ली जब बुमरा की गेंद पर एल्टन चिगुंबुरा (0) का कैच लिया।
धोनी अब सिर्फ कुमार संगकारा (482 ) , एडम गिलक्रिस्ट (472 ) और मार्क बूचर (424 ) से पीछे हैं। जिम्बाब्वे ने पहले मैच में 168, दूसरे में 126 और तीसरे में 123 रन बनाये।