आठ महीने ले लंबे अंतराल के बाद टेस्ट सीरीज खेल रही टीम इंडिया की नजर सीरीज में क्लीन स्वीप करने पर होगी। 30 अगस्त (शुक्रवार) से शुरू हो रहे दूसरे और आखिरी टेस्ट में भारतीय टीम जीत के साथ टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में अपना स्थान मजबूत करना चाहेगी। टी-20 और वनडे सीरीज जीतने के बाद अब विराट सेना टेस्ट सीरीज जीतकर अपने कैरेबियाई दौरे का विजयी अंत करना चाहेगी।
धोनी की बराबरी पर हैं
वहीं विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान बनने से बस एक कदम दूर हैं। यदि भारत वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला का दूसरा और अंतिम टेस्ट जीतता है, तो कोहली की टेस्ट जीत की संख्या कप्तान के रूप में 28 हो जाएगी जो किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा सबसे अधिक होगी। कोहली ने सीरीज के पहले मैच में भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 27 टेस्ट जीत के रिकॉर्ड की बराबरी की थी।
55.31 है कोहली का जीत प्रतिशत
कप्तान के रूप में 27 मैच जीतने के बाद, 18 हारने और 15 को ड्रा कराने का बाद धोनी का जीत प्रतिशत 45 था, जबकि कोहली की जीत प्रतिशत 55.31 है। इस प्रारूप में अन्य सभी भारतीय कप्तानों में सर्वश्रेष्ठ। विराट कोहली की अगुआई में 47 टेस्ट मैचों में भारत ने 27 जीत दर्ज की है, 10 में हार और 10 मैच ड्रा रहे हैं। कोहली ने श्रृंखला के पहले टेस्ट में कप्तान के रूप में भारत के लिए विदेशी मैचों में सबसे अधिक टेस्ट जीत के साथ सौरव गांगुली को भी पीछे छोड़ दिया था। कोहली के पास अब 26 मैचों में कप्तान के रूप में 12 जीत हैं, जबकि गांगुली ने 28 मैचों में 11 जीत दर्ज की थी।
ईशांत शर्मा भी बना सकते हैं ये रिकॉर्ड
वहीं एक विकेट और लेते ही ईशांत शर्मा एशियाई देशों के बाहर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीयों की सूची में दूसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे। पिछले मैच में उन्होंने कपिल देव (155) की बराबरी की थी।
पंत को दिखाना होगा दम
इसी के साथ यह भी देखना होगा की भारतीय टीम में कोई बदलाव देखने को मिलता है या फिर वो विजेता टीम के साथ ही मैदान पर उतरेंगे। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी माना रहा है। लेकिन, पहले टेस्ट मैच में वह पूरी तरह फ्लॉप रहे। इसके बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी जगह इस मैच में ऋद्धिमान साहा को मौका देने की बात कही है। हालांकि इस बात की संभावना कम दिख रही है। लेकिन, इतना तय है कि अगर ऋषभ को टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करनी है तो उन्हें इस मैच में परफॉर्म करना होगा।
बाकी टीम में भी नहीं होगा बदलाव
पिछले मैच के प्लेइंग इलेवन में रविचंद्रन अश्विन को शामिल नहीं किए जाने को लेकर कप्तान विराट कोहली की काफी आलोचना भी हुई थी। उनकी जगह रविंद्र जाडेजा को शामिल किया गया था। लेकिन, जाडेजा ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से सभी को जवाब दे दिया। इसके बाद इस मैच में भी अश्विन को बेंच पर ही बैठना पड़ सकता है।
तेज गेंदबाजों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था इसे देखते हुए इस विभाग में भी बदलाव नहीं होंगे। बल्लेबाजी में ओपनर मयंक अग्रवाल और अनुभवी चेतेश्वर पुजारा ने निराश किया था। लेकिन, इन दोनों की जगह पर कोई खतरा नहीं दिख रहा। जहां तक विंडीज की बात है तो टीम पहले मैच में हर मोर्चे पर विफल रही थी। बल्लेबाजी में कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं लगा पाया था। सबसे ज्यादा 48 रन रोस्टन चेज ने बनाए थे।