इस जीत के साथ 63 साल के इतिहास में विराट कोहली पहले ऐसे कप्तान बन गए, जिनके नेतृत्व में भारत ने वेस्टइंडीज दौरे पर किसी सीरीज में दो टेस्ट मैच जीते। भारत के वेस्टइंडीज दौरे की शुरूआत 1953 में हुई थी। विजय हजारे के नेतृत्व में भारतीय टीम को 0-1 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके पहले भारतीय टीम ने 63 साल के इतिहास में वेस्टइंडीज दौरे पर केवल तीन मौकों पर टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की थीं।
1971 में अजीत वाडेकर, 2006 में राहुल द्रविड़ और 2011 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने टेस्ट सीरीज पर कब्जा जमाया था। तीनों ही मौकों पर भारतीय टीम एक से ज्यादा टेस्ट जीतने में नाकाम रही थी। ग्रॉस आइलेट में 237 रन से मिली जीत के साथ ही विराट कोहली वेस्टइंडीज दौरे पर सबसे सफल भारतीय कप्तान बन गए हैं। भारतीय टीम ने 1953 से इस सीरीज के पहले तक 10 बार वेस्टइंडीज की धरती पर टेस्ट मैच खेलें। भारतीय टीम ने तीन बार जीत हासिल की, जबकि 7 बार उसे शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
पहली पारी के नायक भुवनेश्वर कुमार थे तो मोहम्मद शमी (11 ओवर में 15 रन देकर तीन विकेट) और ईशांत शर्मा (सात ओवर में 30 रन देकर दो विकेट) ने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। भुवनेश्वर (13 रन देकर एक विकेट), रविचंद्रन अश्विन (28 रन देकर एक विकेट) और रविंद्र जडेजा (20 रन देकर दो विकेट) ने भी इन दोनों तेज गेंदबाजों का पूरा साथ निभाया और डेरेन ब्रावो (59 रन) को छोड़कर वेस्टइंडीज का कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं सका।