पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के सवाल पर कप्तान विराट कोहली ने टीम इंडिया का रुख साफ किया। रविवार को ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाले पहले टी-20 मैच से पहले विराट ने कहा कि टीम का स्टैंड वही होगा जो देश, बीसीसीआई और सरकार तय करेगी। उन्होंने कहा कि लिया गया फैसला उन्हें और पूरी टीम को मंजूर होगा।
'सरकार जो फैसला लेगी, हमें मंजूर'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलवामा के सवाल पर विराट ने कहा, 'आतंकी हमले की घटना दुखद थी। हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों के प्रति मेरी और टीम की तरफ से संवेदनाएं हैं। इस (पाकिस्तान के साथ खेलने) संबंध में देश, सरकार और बोर्ड जो भी फैसला लेंगे, हमें मंजूर होगा।
पुलवामा हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का नाम आने के बाद देशभर में उसके प्रति गुस्सा है। पाकिस्तान से हर तरह के संबंध तोड़ने की बातें हो रही हैं। इसमें क्रिकेट भी शामिल है। दोनों टीमों का हाल में आमना-सामना 16 जून को वर्ल्ड कप 2019 में होना है। यह मैच खेला जाए या नहीं इसपर फिलहाल बीसीसीआई ने कोई फैसला नहीं लिया है। शुक्रवार को हुई मीटिंग में तय हुआ कि सरकार जो फैसला लेगी उसे माना जाएगा।
पाक कप्तान बोले, न हो राजनीति
विराट कोहली से पहले पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद का भी बयान आया था। उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले के बाद क्रिकेट को निशाना बनाने को निराशाजनक बताया था। सरफराज ने कहा था, ‘भारत और पाकिस्तान का मैच पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होना चाहिए क्योंकि लाखों लोग हैं जो इस मैच को देखना चाहते हैं। मेरा मानना है कि राजनीतिक हितों के लिए क्रिकेट का निशाना नहीं बनाना चाहिए।’
किसी का समर्थन, किसी का विरोध
पुलवामा हमले के बाद खिलाड़ियों के साथ-साथ पूर्व क्रिकेटर्स भी इस मसले पर अपनी राय रख रहे हैं। भारत की तरफ से सौरव गांगुली ने पाक के साथ क्रिकेट ही नहीं, सभी खेलों के रिश्ते खत्म करने को कहा था। वहीं सचिन तेंडुलकर ने पाकिस्तान के साथ खेलने की वकालत करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर विश्व कप में बिना खेले पाकिस्तान को 2 अंक देना पसंद नहीं करेंगे। सुनील गावस्कर ने कहा था कि विश्व कप में पाक से न खेलकर भारत का ही नुकसान होगा। वहीं पाकिस्तान की तरफ से शोएब अख्तर ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि भारत को मैच नहीं खेलने का फैसला लेने का हक है।