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ऑस्ट्रेलिया पर भारत की दमदार जीत, सीरीज पर कब्जा

भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी सफलता का सिलसिला जारी रखते हुए आज धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आठ विकेट से बड़ी जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भारत ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज 2-1 से जीत ली। भारत की ओर से विराट कोहली और अंजिक्या रहाणे ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी ग्रहण की। सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा को मैन ऑफ द सीरीज और मैन ऑफ द मैच घोषित किया।
ऑस्ट्रेलिया पर भारत की दमदार जीत, सीरीज पर कब्जा

भारत की यह लगातार सातवीं टेस्ट श्रृंखला जीत थी। भारत ने 2015 से अब तक श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और बांग्लादेश को हराया है। जीत के लिए 106 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत को आज 87 रन की जरूरत थी। सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (नाबाद 51) ने श्रृंखला में छठा अर्धशतक लगाकर यह औपचारिकता पूरी की। यह मैच तीन दिन और एक सत्र के भीतर ही खत्म हो गया।

भारत ने मुरली विजय (8) और चेतेश्वर पुजारा (0) के विकेट गंवा दिए लेकिन कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 27 गेंद में 38 रन बनाकर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। रहाणे और राहुल ने तीसरे विकेट की नाबाद साझेदारी में 60 रन जोड़े।

जैसे ही राहुल ने विजयी रन बनाया, ड्रेसिंग रूम में मौजूद कप्तान विराट कोहली समेत सभी खिलाडि़यों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। कोहली कंधे की चोट के कारण इस टेस्ट से बाहर थे। राहुल अपना हेलमेट उतारने से पहले ऑस्ट्रेलियाई डेसिंग रूम की ओर दौड़े और जीत का जश्न मनाया। बेहद तनाव और आक्रामकता के बीच खेली गई श्रृंखला के अंत में दोनों टीमों के खिलाडि़यों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया।

राहुल ने 76 गेंद की पारी में नौ चौके लगाए जबकि रहाणे ने चार चौके और पैट कमिंस को दो छक्के जड़े। इसके साथ ही भारतीय टीम के घरेलू सत्र का अंत हो गया जिसमें भारत ने 13 में से 10 टेस्ट जीते और दो ड्रा रहे। एकमात्र हार पुणे में ऑस्ट्रेलिया के हाथों झेलनी पड़ी।

यह जीत और भी अहम थी क्योंकि नियमित कप्तान और स्टार बल्लेबाज कोहली यह मैच नहीं खेल रहे थे। इसके अलावा यह पिच ऑस्ट्रेलिया के अनुकूल अधिक थी जिस पर भारत ने चाइनामैन कुलदीप यादव को उतारा और एक बल्लेबाज कम लेकर उतरे।

राहुल ने दिन की शुरुआत जोश हेजलवुड को स्क्वेयर कट के साथ की। इसके बाद स्टीव ओकीफे को चौका लगाया। भारत का स्कोर एक समय दो विकेट पर 46 रन था जिसके बाद रहाणे ने आकर अपने स्वभाव के विपरीत आक्रामक खेल दिखाया। उन्होंने कमिंस को छक्के जड़े जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम स्तब्ध रह गई।

हाल ही के वर्षों में भारत में खेली गई यह सबसे प्रतिस्पर्धी श्रृंखला थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को कड़ी टक्कर दी चूंकि उन्हें उपमहाद्वीप में खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं है। सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर का खराब फार्म उसे भारी पड़ा। भारत के लिए सबसे बड़ा हासिल यह रहा कि टीम ने साबित कर दिया कि वह कोहली पर ही निर्भर नहीं है।

कोहली के बाहर होने से टीम के सामने यह साबित करने का मौका था कि वह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी घुटने नहीं टेकने वाली है और भारतीय टीम ने यह कर दिखाया।  कोहली बतौर बल्लेबाज श्रृंखला में नहीं चल सके लेकिन इसके बावजूद मेजबान ने जीत दर्ज की। चेतेश्वर पुजारा ने एक शतक और दो अर्धशतक के साथ 57 . 85 की औसत से 405 रन बनाये। दूसरी ओर राहुल ने 65 . 50 की औसत से 393 रन जोड़े।

मैच के बाद पुजारा ने कहा कि यह बेहतरीन श्रृंखला थी। खासकर पहले मैच में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद। हम 3-1 से जीतना चाहते थे लेकिन 2-1 से भी खुश हैं। दूसरी पारी में हमारे तेज गेंदबाजों ने उम्दा प्रदर्शन किया। हमने अच्छी साझेदारियां निभाई। (एजेंसी)

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