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आईपीएल फैसलाः बीसीसीआई स्तब्‍ध, कुछ की छलकी खुशी

आईपीएल की दो बड़ी टीमों को दो साल के लिए खेल से बाहर करने और राज कुंद्रा और गुरुनाथ मयप्पन पर आजीवन प्रतिबंधन लगाने के फैसले के बाद बीसीसीआई में सन्नाटा छाया हुआ है। हालांकि एक बयान जारी कर बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने कहा कि बोर्ड न्यायिक फैसलों का सम्मान करता आया है लेकिन प्रतिक्रिया व्यक्त करने से पहले पैनल की रिपोर्ट पर गौर करेगा। डालमिया ने कहा, पूरी रिपोर्ट पढने तथा सामूहिक फैसला लेने के बाद बोर्ड प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा।
आईपीएल फैसलाः बीसीसीआई स्तब्‍ध, कुछ की छलकी खुशी

उन्होंने कहा कि बीसीसीआई खेलों में करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का भरोसा और विश्वास बहाल करने के लिए उसे पाक-साफ बनाने, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने को प्रतिबद्ध है। बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा, हम फैसले का सम्मान करते हैं और इसके आकलन के बाद पारदर्शी तरीके से सामूहिक फैसला लेंगे जो सही दिशा में और खेल के दीर्घकालीन हित में होगा। बयान में कहा गया कि बोर्ड इस मसले पर आगे टिप्पणी नहीं करेगा।

वैसे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य जल्द ही इस मसले पर विचार करेंगे। आईपीएल संचालन परिषद की बैठक 19 जुलाई को मुंबई में बुलाई गई है जिसमें लोढा समिति के फैसले के बाद भावी कार्रवाई पर विचार किया जायेगा। परिषद के सदस्य और बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रेस ट्रस्ट को बताया,  हम इस फैसले पर औपचारिक बातचीत करेंगे। आपात बैठक बुलाई जाएगी जिसमें सदस्यों को हालात की जानकारी दी जाएगी और भावी कार्रवाई की दिशा तय की जाएगी। हमारी कानूनी टीम फैसले का विस्तार से अध्ययन करेगी। वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत में तीन मसले सामने आए हैं कि क्या नई कंपनियों को दो खाली स्थानों के लिए बोलियां लगाने की अनुमति दी जाए, क्या सारे खिलाड़ी या सिर्फ चेन्नई और राजस्थान के खिलाडि़यों की नीलामी होगी और तीसरा सीएसके को उसकी मूल कंपनी इंडिया सीमेंट्स से विघटित करने का मसला।

संचालन परिषद के एक अन्य सदस्य ने कहा, परिषद की पिछली बैठक में हमने सीएसके के विघटन और अंशधारिता के आकलन का मसला कार्यसमिति को सौंप दिया था जो कानूनी सलाहकारों से राय लेगी। हमें उसका इंतजार करना होगा। फिलहाल सीएसके और रायल्स के मालिक अपनी टीमें नए मालिकों को बेचना चाहेंगे लेकिन इसमें कुछ समस्यायें हैं। सदस्य ने कहा सवाल यह भी है कि दोनों टीमों की साख गिर चुकी है। इन हालात में क्या उन्हें बेचा जा सकता है या नए खरीदार उसमें दिलचस्पी लेंगे? उन्होंने कहा, ‘ लोढा समिति ने कहा है कि बीसीसीआई को इस पर गौर करना होगा। हम काफी सतर्क हैं और कानूनी प्रभावों को भी ध्यान में रखेंगे।’ सबसे अहम मसला यह है कि क्या बीसीसीआई इसे आठ टीमों की लीग बनाने के लिए नई बोलियां आमंत्रित करेगा? ऐसे में इन दोनों टीमों के वर्तमान खिलाड़ियों का क्या होगा? उन्होंने कहा,  इस मामले में दो विकल्प हैं। बीसीसीआई दो नई आईपीएल टीमों की ताजा नीलामी के लिए निविदाएं बुलाएं। दोनों टीमों के 45 खिलाडि़यों के लिये लघु नीलामी आयोजित की जाए जिसमें मौजूदा खिलाडि़यों में से दो नई टीमें बनाई जा सकती है। हालांकि ऐसा करने से यह सवाल भी उठेगा कि क्या नए मालिक चुनिंदा पूल में से ही खिलाड़ियों को लेने के लिए तैयार होंगे? ऐसे में यह तय करना होगा कि क्या नए सिरे से सभी खिलाडि़यों के लिए नीलामी का आयोजन किया जाए।

आईपीएल पर आए फैसले से आईपीएल सट्टेबाजी मामले की जांच करने वाली समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल ने कहा है कि चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स का निलंबन आईपीएल के लिए अस्थायी झटका है और लोढ़ा समिति के फैसले से इस लीग में लोगों भरोसा बहाल करने में मदद करेगी। मुदगल ने कहा, यह बहुत कड़ी सजा है। मेरा मानना है कि इसका आईपीएल, बीसीसीआई और खिलाड़‌ियों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। कई लोगों का मानना है कि इससे खेल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा लेकिन मेरा कहना है कि यह अस्थायी झटका है तथा क्रिकेट साफ-सुथरा होगा और आईपीएल में लोगों का विश्वास बहाल होगा।

दूसरी ओर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ए सी मुथैया ने कहा कि  बीसीसीआई में किसी ने भी गलत कामों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। सभी नियम मौजूद हैं लेकिन उन्हें कुछ व्यक्तियों के माफिक बना दिया गया। मेरा मानना है कि आईपीएल को बनाए रखना चाहिए लेकिन बीसीसीआई को खुद को आईपीएल से दूर रखना चाहिए। इसका संचालन एक अलग संस्था को करना चाहिए जिसमें मशहूर हस्तियां शामिल हों। बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा कि यदि बीसीसीआई ने पूर्व में उचित कार्रवाई की होती तो इस स्थिति से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि बीसीसीआई ने अपनी कार्रवाई की लेकिन इसकी प्रक्रिया धीमी थी। बीसीसीआई ने अनुमान नहीं लगाया था कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में चला जाएगा। हम शुरू में इससे बच सकते थे। हमें सबक लेना होगा।

हालांकि बीसीसीआई के वकील सी आर्यमा सुंदरम ने कहा कि वह दो टीमों को इतने लंबे समय के लिए निलंबित करने के फैसले से पूरी तरह से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा दोषी पाए गए इससे मुझे हैरानी नहीं हुई और उनके लिए ऐसी सजा की भी उम्मीद थी। मुझे कानूनी तौर पर दो टीमों को लंबे समय के लिए निलंबित करने पर थोड़ी परेशानी है। सुंदरम ने कहा, यह पाया गया कि यह व्यक्तिगत कार्रवाई थी जिसे एक व्यक्ति ने किया। टीमें स्वयं मैच फिक्सिंग की गतिविधियों में शामिल नहीं थी। इसलिए जब तक आप टीम को सामूहिक तौर पर दोषी नहीं पाते हो, तो फिर क्या टीम को इस तरह की सजा मिलनी चाहिए थी। मुझे लगता है कि यह पूरी लीग के लिए निराशाजनक है।

हालांकि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष इंदरजीत सिंह बिंद्रा ने फैसले का स्वागत किया। उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल पर लिखा, ऐतिहासिक आदेश। भारतीय क्रिकेट को साफ-सुथरा करने की प्रक्रिया की शुरुआत। मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई सही सबक लेगा। बिंद्रा ने यह भी कहा कि आईसीसी अध्यक्ष एन श्रीनिवासन, जो मयप्पन के ससुर हैं, से भी बीसीसीआई में उनकी भूमिका के लिए पूछा जाना चाहिए। बिंद्रा ने ट्वीट किया, जाहिर है कि श्रीनिवासन भी मयप्पन और सीएसके को बचाने के लिए कसूरवार हैं। बीसीसीआई को उनके खिलाफ उसी समय कार्रवाई करनी चाहिए थी और आईसीसी के उनके नामांकन को वापस लेना चाहिए था। श्रीनिवासन को आईसीसी का अध्यक्ष बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। श्रीनिवासन को तुरंत हटना चाहिए वरना क्रिकेट बोर्ड को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा कि यह बहुत ही खेदजनक है कि इस खेल में भ्रष्टाचार पैदा हो गया है। दोनों टीमों के खिलाडि़यों के लिए यह बहुत दुखदायी है। इन टीमों के खिलाड़ी बहुत अच्छा खेल रहे थे। अब खिलाडि़यों का क्या होगा। संजय मांजरेकर ने कहा,  क्रिकेट प्रेमियों का इस खेल के प्रति विश्वास बना रहे उसके लिए जो भी जरूरी हो किया जाना चाहिए। खेलप्रेमी ही खेल को बनाते या बिगाड़ते हैं। बेदी ने कहा, न्यायाधीश लोढा समिति के फैसले से एक ताजा हवा तो आई है लेकिन यह तो शुरुआत है अभी बहुत कुछ आना शेष है।

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