भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा कि इंग्लैंड में ड्यूक गेंद से गेंदबाजी करने के अनुभव का उन्हें यहां वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में फायदा मिला है। शानदार फार्म में चल रहे बुमराह ने पहले टेस्ट में सात रन देकर पांच विकेट लिए थे। इसके बाद दूसरे टेस्ट में हैट्रिक लेकर वह टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक बनाने वाले तीसरे भारतीय भी बन गए।
आउटस्विंग डालने का आत्मविश्वास मिलता है
बुमराह ने 12.2 ओवर में 27 रन देकर छह विकेट लिए। उन्होंने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि मैने इंग्लैंड में काफी क्रिकेट खेला है। हमने काफी टेस्ट मैच खेले और ड्यूक गेंद से गेंदबाजी की। इससे काफी मूवमेंट मिलती है। इससे आपको आउटस्विंग और इनस्विंग डालने का आत्मविश्वास मिलता है। मुझे इस अनुभव का फायदा मिला।
लालच में शॉट गेंद नहीं करनी चाहिए
उन्होंने कहा कि आपको विकेट का आकलन करना होगा कि क्या स्थितियां हैं, यहां क्या काम करेगा। यहां विकेट में अधिक उछाल है। ऐसे उछाल वाले विकेटों में आप लालची हो सकते हैं और शॉट गेंदे कर सकते हैं, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। आपको अच्छे क्षेत्रों में गेंद डालनी होगी और लंबी गेंदो से दबाव बनाएं रखना होगा। यह मेरी पहली पारी की योजना थी। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा टीम के लक्ष्यों को देखता हूं, अगर हम मैच जीतते हैं और मेरे पास कोई विकेट नहीं है तो यह ठीक है। मेरा उद्देश्य टीम की सफलता में योगदान करना है, फिर वो चाहे विकेट लेना हो या दबाव बनाना।
ऐसा रहा स्कोर
भारत अब श्रृंखला में वेस्टइंडीज का सूपड़ा साफ करने के करीब पहुंच गया है। जीत के लिए 468 रन के जवाब में मेजबान टीम ने दो विकेट 45 रन पर गंवा दिए। दूसरी पारी में रहाणे और विहारी की साझेदारी के बाद भारत ने पारी चार विकेट पर 168 रन पर घोषित की। भारत ने पहली पारी में 299 रन की बढत बनाने के बावजूद फालोआन नहीं दिया था। वेस्टइंडीज टीम पहली पारी में 117 रन पर आउट हो गई थी। दूसरी पारी में चाय तक भारत का स्कोर चार विकेट पर 73 रन था। आखिरी सत्र में हालांकि रहाणे और विहारी ने टीम को मैच में लौटाया। रहाणे के 64 और विहारी के 53 रनों की बदोलत भारत ने वेस्टइंडीज को 468 रनों का लक्ष्य दिया।