इंग्लैंड ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक पांच विकेट पर 288 रन बनाये जिसमें चोटिल हसीब हमीद की जगह टीम में जगह बनाने वाले जेनिंग्स के 112 रन शामिल हैं। वह इंग्लैंड की तरफ से पदार्पण मैच में शतक जड़ने वाले 19 वें बल्लेबाज हैं। जेनिंग्स ने कप्तान एलिस्टेयर कुक : 46 : के साथ पहले विकेट के लिये 99 रन जोड़कर टास जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे इंग्लैंड को अच्छी शुरूआत दिलायी। बाद में इस 24 वर्षीय बल्लेबाज ने मोईन अली :50: के साथ तीसरे विकेट के लिये 94 रन जोड़े।
अश्विन ने जो रूट : 21 : जैसे खतरनाक बल्लेबाज को सस्ते में आउट करने के बाद मोईन और जेनिंग्स को तीन गेंद के अंदर पवेलियन भेजकर भारत को वापसी दिलायी। अश्विन ने अब तक 75 रन देकर चार विकेट लिये हैं। उनके अलावा बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा ने 60 रन देकर एक विकेट लिया है। स्टंप उखड़ने के समय बेन स्टोक्स 25 और जोस बटलर 18 रन पर खेल रहे थे। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने दिन के आखिरी क्षणों में स्टोक्स के खिलाफ पगबाधा की अपील पर डीआरएस का सहारा लिया लेकिन इसमें उन्हें नाकामयाबी हाथ लगी।
भारत को पहले दोनों सत्र में एक-एक सफलता मिली। लंच से पहले कप्तान कुक पवेलियन लौटे जबकि लंच के बाद रूट आउट हुए। रूट को आउट करने में कोहली ने भी अहम भूमिका निभायी जिन्होंने स्लिप में बेहतरीन कैच लिया। इससे पहले कुक को बायें हाथ के स्पिनर जडेजा की गेंद पर विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने स्टंप आउट किया था। पहले दो सत्र यदि जोहानिसबर्ग में जन्में और मशहूर कोच रे जेनिंग्स के पुत्र कीटोन के नाम रहे तो तीसरे सत्र में अश्विन ने जलवा बिखेरा।
पिच पहले दिन ही स्पिनरों के अनुकूल दिख रही है और इसका भी अश्विन ने फायदा उठाया। चाय के विश्राम के बाद जब इंग्लैंड ने दो विकेट पर 196 रन से पारी आगे बढ़ायी तो मोईन अधिक आक्रामक दिखे। उन्होंने जडेजा पर डीप मिडविकेट पर छक्का लगाया और फिर जयंत यादव पर लगातार दो चौके जड़े। जयंत को इससे पहले जेनिंग्स ने भी अपने निशाने पर रखा था। कोहली ने तीसरे सत्र के शुरूआती आठ ओवरों में जडेजा और जयंत को दोनों छोर से लगाये रखा। सफलता नहीं मिलने पर उन्होंने जडेजा की जगह अश्विन को गेंद सौंपी और यह बदलाव कारगर साबित हुआ। इस स्टार आफ स्पिनर ने इस ओवर की अपनी दूसरी गेंद पर ही मोईन को मिडविकेट पर खड़े करूण नायर के हाथों कैच करा दिया। मोईन फिर से स्वीप शाट खेलना चाहते थे लेकिन इस बार गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर चली गयी।
अश्विन का यह 237वां विकेट था और वह जवागल श्रीनाथ : 236 : को पीछे छोड़कर भारत की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में सातवें स्थान पर पहुंचे। इसके एक गेंद बाद अश्विन ने जेनिंग्स की शानदार पारी का अंत किया। कोहली ने इस गेंद से ठीक पहले चेतेश्वर पुजारा को डीप गली में बुलाया। उनका यह दांव चल गया। अश्विन की गुडलेंथ गेंद जेनिंग्स के बल्ले का किनारा लेकर डीप गली में गयी जहां पुजारा ने बड़ी खूबसूरती से उसे कैच में बदल दिया। जेनिंग्स ने अपनी पारी में 219 गेंदें खेली तथा 13 चौके लगाये।
अश्विन ने इसके बाद जोनी बेयरस्टाॅ : 14 : को भी पवेलियन की राह दिखायी। उनकी अतिरिक्त उछाल लेती गेंद पर बेयरस्टाॅ का स्वीप शाट बल्ले का किनारा लेकर बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर चला गया जहां उमेश ने कुछ दूर दौड़कर उसे कैच में बदल दिया। इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने स्वीप शाट खेलने के प्रयास में विकेट गंवाये लेकिन जेनिंग्स ने इससे पहले कुछ साहसिक रिवर्स स्वीप शाट लगाये। यहां तक कि वह तब भी एेसा शाट खेलने से नहीं डरे जबकि वह शतक के करीब थे। उन्होंने जयंत पर रिवर्स स्वीप से चौका जड़कर 186 गेंदों पर अपना सैकड़ा पूरा किया।
घरेलू सत्र में 1500 से अधिक रन बनाकर इंग्लैंड की टीम में जगह बनाने वाले जेनिंग्स का भाग्य ने भी साथ दिया। जब उन्होंने खाता भी नहीं खोला था तब उमेश यादव की गेंद पर गली में खड़े नायर काफी प्रयास करने के बावजूद कैच नहीं ले पाये। इसके बाद जब वह दस रन पर थे तब उनके खिलाफ पगबाधा की अपील पर रेफरल लिया गया लेकिन वह बच गये। अश्विन ने दूसरे सत्र से ही बल्लेबाजों को खुलकर नहीं खेलने दिया था। उन्होंने अपने दूसरे स्पैल में 11 ओवरों में 21 रन दिये और रूट जैसे खतरनाक बल्लेबाज को आउट किया।
जडेजा ने भी दूसरे छोर से कसी हुई गेंदबाजी की। उन्होंने लंच के पहले और बाद में लगातार आठ ओवर किये और इस दौरान कुक को आउट करके भारत को पहली सफलता भी दिलायी। लंच के बाद एक घंटे का खेल समाप्त होने के कुछ देर बाद स्क्वायर लेग पर खड़े अंपायर पाल रीफेल को चोट लगने के कारण मैदान छोड़ना पड़ा। भुवेनश्वर कुमार का डीप स्क्वायर लेग से किया गया थ्रो उनके सिर के पिछले हिस्से में लगा। यह घटना 49वें ओवर में घटी जिसके बाद तीसरे अंपायर मारियास इरास्मुस को उनकी जगह मैदान में उतरना पड़ा जबकि सी शम्सुद्दीन ने तीसरे अंपायर की भूमिका निभायी।
मोईन जब 13 रन पर थे तब भारत के पास उन्हें आउट करने का मौका था। उन्होंने उमेश यादव की गेंद को स्लैश किया लेकिन दूसरी स्लिप में खड़े कोहली डाइव लगाकर भी उसे कैच में नहीं बदल पाये और गेंद सीमा रेखा पार चली गयी।
भारत ने इस मैच के लिये अपनी टीम में दो बदलाव करके भुवनेश्वर और केएल राहुल को टीम में लिया जबकि इंग्लैंड ने भी जेनिंग्स के अलावा जैक बाॅल को टीम में रखा है। भाषा एजेंसी