पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली नोवाक जोकोविच का मैच देखने गए और इस दौरान उन्हें भारत पाकिस्तान के मुकाबले की याद आ गई। विराट ने कहा कि टेनिस खिलाड़ी सप्ताह दर सप्ताह जो झेलते हैं, उसकी तुलना भारतीय क्रिकेटरों द्वारा विश्व कप नॉकआउट और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबलों में झेली जाने वाली "धमकी और दबाव" से ही की जा सकती है।
टी20 अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट मैचों से संन्यास ले चुके कोहली ने सोमवार को अपनी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ विंबलडन का मैच देखने के बाद यह तुलना की। वह दिन के खेल के दौरान टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी विजय अमृतराज से बातचीत कर रहे थे।
कोहली ने 'स्टार स्पोर्ट्स' पर प्रसारित साक्षात्कार के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि दबाव की स्थिति में अनुभव समान हो सकता है। लेकिन विश्व कप मैच, भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप मैच या विश्व कप सेमीफाइनल या फाइनल में दबाव और भय का माहौल हमारे लिए दोहराता है, आपके पैर दबाव के कारण कांपने लगते हैं।"
कोहली ने कहा, "लेकिन इन खिलाड़ियों को क्वार्टरफाइनल से लेकर फाइनल तक इसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जिसे संभालना मेरे ख्याल से काफी दबाव भरा होता है। मैं टेनिस खिलाड़ियों का बहुत सम्मान करता हूं, क्योंकि वे इस तरह के धैर्य के साथ खेलते हैं और फिटनेस तथा मानसिक दृढ़ता के उस स्तर को बनाए रखते हैं।"
क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक, हाल ही में लाल गेंद के प्रारूप से संन्यास लेने वाले कोहली ने 123 मैचों में 9230 रन बनाए हैं, जिसमें 30 शतक शामिल हैं। कोहली ने कहा कि खेल की निरंतर विकसित होती प्रकृति के कारण क्रिकेटरों को मैदान पर अपनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, "विभिन्न खेलों में अलग-अलग चुनौतियां होती हैं। क्रिकेट में एक चुनौती यह है कि आपको लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है, आप सुबह वार्म-अप करते हैं और फिर वापस आकर ड्रेसिंग रूम में इंतजार करते हैं, क्योंकि आपको नहीं पता होता कि आपको कब बल्लेबाजी करनी है।"
उन्होंने कहा, "वहां बैठकर खेल को पढ़ने पर स्थिति काफी तेजी से बदलती है। यहां (टेनिस में) शायद आपके पास निर्धारित परिस्थितियां होती हैं, आपको पता होता है कि आप किस स्थिति में जा रहे हैं।"
कोहली का यह भी मानना है कि क्रिकेट में टेनिस की तुलना में मैच में वापसी के कम अवसर मिलते हैं। उन्होंने कहा, "क्रिकेट में मेरी कौशलता के संबंध में एक और चुनौती - बल्लेबाजी - यह है कि आपको केवल एक ही मौका मिलता है। आपके पास वापसी करने का अधिक मौका नहीं होता, आप एक गलती करते हैं और पूरे दिन तालियां बजाते रहते हैं।"
उन्होंने कहा, "लेकिन ये खिलाड़ी दो सेट और एक ब्रेक से भले ही पीछे हों, लेकिन फिर भी वापसी कर सकते हैं और जीत सकते हैं।"
36 वर्षीय खिलाड़ी का मानना है कि विंबलडन सेंटर कोर्ट में खेलना क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में अधिक भयावह अनुभव माना जा सकता है, क्योंकि वहां भीड़ खिलाड़ियों के काफी करीब होती है।
उन्होंने बताया, "दुनिया में क्रिकेट खेलने के लिए कई बेहतरीन स्टेडियम हैं और वहां काफी दबाव भी होता है, क्योंकि स्टेडियम में काफी लोग होते हैं। लेकिन मैं कहूंगा कि यह सेंटर कोर्ट जितना डरावना नहीं था, क्योंकि वहां लोग आपसे काफी दूर बैठते हैं।"
उन्होंने कहा, "जब हम मैदान पर बल्लेबाजी कर रहे होते हैं, तो प्रशंसक बहुत दूर होते हैं, इसलिए आप अपनी ही जगह में खो जाते हैं। आप टिप्पणियां नहीं सुन पाते, आप जयकारे और हूटिंग नहीं सुन पाते। लेकिन हां, अगर मैं वहां होता और भीड़ मेरे इतने करीब होती तो यह मेरे लिए डराने वाली बात हो सकती थी।"
कोहली ने उम्मीद जताई कि सर्बियाई दिग्गज नोवाक जोकोविच इस साल विंबलडन जीतकर रिकॉर्ड 25वां ग्रैंड स्लैम जीतेंगे। उन्होंने कहा, "मैं पिछले कुछ समय से नोवाक (जोकोविच) के संपर्क में हूं। हमने कुछ संदेशों का आदान-प्रदान किया है और वह संपर्क में रहने के लिए विनम्र और दयालु रहे हैं।"
कोहली ने यह भी कहा कि उनका ड्रीम फ़ाइनल जोकोविच और स्पेनिश स्टार कार्लोस अल्काराज़ के बीच होगा, जो यहाँ दो बार के गत विजेता हैं।
उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि फाइनल में कार्लोस (अलकाराज़) और नोवाक हों और संभवतः नोवाक खिताब जीतें, क्योंकि उनके करियर के इस चरण में यह उनके लिए बहुत बड़ी बात होगी, और सभी समय के महानतम खिलाड़ी होने, अधिकतम ग्रैंड स्लैम जीतने की पूरी चर्चा है और वह इसके हकदार हैं।"