दिल्ली और रेलवे के बीच रणजी ट्रॉफी मैच शुरू होने से पहले ही अरुण जेटली स्टेडियम में और इसके आसपास विराट कोहली का बेजोड़ आभामंडल देखने को मिला, क्योंकि हजारों प्रशंसक 13 साल में पहली बार घरेलू लाल गेंद से मैच खेल रहे इस सुपरस्टार को देखने के लिए कतारों में खड़े थे।
डीडीसीए (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) ने कोहली की वापसी पर करीब 10,000 लोगों के आने का अनुमान लगाया था, जो रणजी ट्रॉफी मैच के लिए अप्रत्याशित है। लेकिन उनका आकर्षण इतना था कि ये सारे अनुमान धरे के धरे रह गए।
स्थानीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे खेल शुरू होने से काफी पहले ही कोहली के वफादार समर्थक स्टेडियम में प्रवेश करने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे थे।
सबसे पहले, डीडीसीए ने लगभग 6,000 क्षमता वाले 'गौतम गंभीर स्टैंड' को दर्शकों के लिए खोला, लेकिन यह देखते हुए कि भीड़ की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है, अधिकारियों को 'बिशन बेदी स्टैंड' खोलने के लिए बाध्य होना पड़ा, जिसमें लगभग 14,000 लोग बैठ सकते हैं।
इस हंगामे को और बढ़ाने वाली बात यह थी कि उसी समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काफिला भी मैदान से गुजरा।
डीडीसीए सचिव अशोक शर्मा ने पीटीआई से कहा, "मैं 30 साल से अधिक समय से दिल्ली क्रिकेट से जुड़ा हूं, लेकिन मैंने रणजी ट्रॉफी मैच में ऐसा दृश्य नहीं देखा। यह दिखाता है कि कोहली की लोकप्रियता बेजोड़ है।"
उन्होंने बताया, "यह और अधिक चुनौतीपूर्ण था क्योंकि स्टेडियम में प्रशंसकों का प्रवेश प्रधानमंत्री मोदी के बाहरी सड़कों पर वीआईपी मूवमेंट के साथ मेल खाता था और उनके सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए, हमें पुलिस द्वारा जनता के लिए एक और स्टैंड खोलने का निर्देश दिया गया था।"
'गौतम गंभीर स्टैंड' पहले से ही खचाखच भरा हुआ था और 'बिशन बेदी स्टैंड' का निचला स्तर भी भरने में देर नहीं लगी, जिससे टॉस के समय दर्शकों की संख्या 12,000 से अधिक हो गई।
पूर्व भारतीय कप्तान जब दिल्ली के अन्य साथियों के साथ मैदान पर उतरे तो दूर से ही "कोहली, कोहली" की गगनभेदी आवाजें सुनी जा सकती थीं। वे भी कुछ विशेष अनुभव कर रहे थे।
कोहली के दूसरे स्लिप में खड़े होने के कारण उनकी हर हरकत पर दर्शकों की तालियां बजती थीं और 12वें ओवर में एक अति उत्साही प्रशंसक सुरक्षा घेरा तोड़कर 'किंग' की ओर दौड़ पड़ा। सुरक्षाकर्मियों द्वारा वहां से ले जाए जाने से पहले वह बमुश्किल कोहली के पैर छूने में सफल रहे।